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बच्चे गोद लेते समय सभी कानूनी प्रक्रियाएं अपनाने की अपील

चंडीगढ़, 26 अगस्त(वार्ता) पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री अरुणा चौधरी ने बच्चों को गोद लेते समय सभी कानूनी प्रक्रिया अपनाने तथा उनका पालन करने की लोगों से अपील की है।
श्रीमती चौधरी ने आज यहाँ कहा कि बाल घरों में ज्यादातर शोषित, परित्यक्त ,नकारे हुए और लावारिस बच्चे हैं। इन बच्चों के पालन पोषण तथा सर्वपक्षीय विकास के लिए उपयुक्त माहौल दिया जाता है लेकिन ऐसे बहुत से बच्चों को अपनाए जाने की ज़रूरत है।
उन्होंने कहा कि जिनके बच्चे नहीं हैं या जो बच्चे गोद लेने की इच्छा रखते हैं, उनको बच्चे गोद लेने के लिए आगे आना चाहिए ताकि ये सामाजिक विकास में प्रभावी भूमिका निभाने के साथ-साथ बेहतर जीवन जी सकें । इसके साथ ही उन्होंने बच्चे गोद लेने के इच्छुक लोगों को ऐसा करने से पहले सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करने को कहा है ताकि किसी विवाद से बचा जा सके। राज्य में इस समय दस अडॉप्शन एजेंसियाँ हैं जिनके द्वारा कानूनी प्रक्रिया मुकम्मल होने के बाद गोद लेने वाले माँ बाप को बच्चे दिए जाते हैं।
सरकार ने बच्चे गोद लेने वाले माँ बाप की योग्यता भी निर्धारित की है जिसके अनुसार गोद लेने वाले माता पिता शारीरिक, दिमाग़ी और वित्तीय तौर पर मज़बूत होने चाहिए और किसी जानलेवा बीमारी से पीड़ित न हों । विवाहित जोड़ा होने की सूरत में दोनों पति-पत्नी की सहमति ज़रूरी है। गोद लेने वाले माँ बाप के विवाह को कम से कम दो साल पूरे होने चाहिए। अकेली महिला होने की हालत में लडक़ा या लडक़ी किसी को भी गोद लिया जा सकता है लेकिन पुरुष होने की सूरत में केवल लडक़ा ही गोद लिया जा सकता है।
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