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कानूनी लड़ाई के बाद टाउन हाल विवाद खत्म

शिमला, 6 सितम्बर (वार्ता) आखिरकार लंबी जद्दोजहद और कानूनी लड़ाई के बाद हिमाचल की राजधानी के माल रोड पर साल 1908 में निर्मित ऐतिहासिक धरोहर टाउन हॉल नगर निगम को मिल गया।
प्रदेश उच्च न्यायालय ने मेयर व डिप्टी मेयर को बैठने की अनुमति दे दी है। नगर निगम की दायर याचिका पर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश वी. रामा सुब्रमण्यन और जस्टिस अनूप चितकारा की खंडपीठ ने फैसला आदेश दिया कि टाउन हॉल पर मालिकाना हक नगर निगम शिमला का होगा, लेकिन पूरा भवन नगर निगम के पास नहीं रहेगा। मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यालय ही टाउन हॉल में होगा। इस फैसले से करीब 9 माह से चली आ रही मालिकाना हक की लड़ाई को विराम लग गया है।
इसके अलावा हाईकोर्ट ने कहा कि टाउन हॉल का उपयोग अन्य पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के मकसद से किया जाए। हिमाचल आने वाले पर्यटकों को प्रदेश की संस्कृति, पर्यटन और अन्य विशेषताओं की जानकारी टाउन हॉल में मिल सके।
नगर निगम शिमला ने ढाई साल पहले 24 जून 2016 को टाउन हॉल के जीर्णोद्धार के चलते नगर निगम से भवन खाली करवाया गया था। 29 नवबंर 2018 को टाउन हॉल का मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद 9 माह से नगर निगम की स्थानीय सरकार वापस टाउन हॉल में शिफ्ट करने की मांग कर रही थी। लेकिन एचपीटीडीसी ने टाउन हॉल को प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देने और अन्य गतिविधियों के लिए उपयोग करने की मांग की थी. एचपीटीडीसी की मांग के खिलाफ नगर निगम की स्थानीय सरकार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
सं शर्मा
वार्ता
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