राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Sep 9 2019 7:09PM हरियाणा के साथ एसवाईएल मुद्दे पर बातचीत के जरिये हल निकलने की उम्मीद :अमरिंदरमोहाली ,09 सितंबर (वार्ता) पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सतलुज यमुना लिंक नहर(एसवाईएल)मुद्दे पर दोनों राज्यों हरियाणा तथा पंजाब के बीच मिल बैठकर हल निकाले जाने की उम्मीद है । कैप्टन सिंह ने आज यहां डिजीटल जांच प्रशिक्षण एवं अध्ययन केन्द्र के उद्घाटन अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुये कहा कि दोनों पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिवों की अगुवाई में इस दिशा में बातचीत तीन चार बार पहले हो चुकी है । उन्हें पूरी उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय ने आपसी बातचीत के जरिये हल करने के लिये चार माह का समय दिया है और इतने समय के भीतर इस मामले का कोई हल जरूर निकाल लिया जायेगा । यह सभी के लिये बेहतर होगा कि एसवाईएल का मुद्दा बातचीत से हल हो जाये । उन्होंने कहा कि गुरू नानक देव जी के प्रकाश पर्व समारोहों में शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी को सहयोग देने का सवाल ही नहीं उठता । प्रदेश सरकार के कमेटी को सहयोग न करने संंबंंधी लगाये गये आरोप बेबुनियाद हैं । किसी भी संस्था को गुरूद्वारा साहिब के अंदर कोई भी समागम करवाने के लिये उनकी सरकार की ओर से पूरा सहयोग दिया जायेगा । कैप्टन सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से मुख्य कार्यक्रम गुरूद्वारा के बाहर कराया जा रहा है जैसे पहले होते रहे हैं । एसजीपीसी एक धार्मिक संस्था है तथा उसे अपने गुरूद्वाराें के अंदर कोई भी कार्यक्रम कराने का पूरा अधिकार है । उन्होंने एसजीपीसी से एक बार फिर अपील की कि इस ऐतिहासिक मौके पर वो राज्य स्तरीय संयुक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रदेश सरकार को पूरा सहयोग दे । मोदी सरकार के सौ दिन पूरे होने पर केन्द्र सरकार की कारगुजारी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सरकार के मूल्यांकन के बारे में अभी कुछ भी कहना बहुत जल्दबाजी होगी तथा मूल्यांकन के लिये अभी इंतजार करना होगा । भारत को इस समय स्थिरता की जरूरत है तथा धर्म निरपेक्ष राष्ट्र होने के नाते देश के विकास तथा धर्मनिरपेक्ष समाज के निर्माण के लिये सभी धर्माें को साथ लेकर चलने की जरूरत है । लोक इंसाफ पार्टी के विधायक सिमरजीत बैंस के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किये जाने के बारे में कैप्टन सिंह ने कहा कि उन्होंने श्री बैंस मामले का वीडियो देखने के बाद आश्यक कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिये हैं तथा अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे आम लोगों तथा जनप्रतिनिधियों का पूरा सम्मान करें । किसी अधिकारी के कार्यालय जाकर उसके साथ दुर्व्यवहार करने का किसी को अधिकार नहीं । शर्मा वार्ता