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प्राइवेट बसों के टेंडर रद्द करने का फैसला वापस लेने पर भड़के हरियाणा रोडवेज कर्मचारी

प्राइवेट बसों के टेंडर रद्द करने का फैसला वापस लेने पर भड़के हरियाणा रोडवेज कर्मचारी

हिसार/जींद/सिरसा, 11 सितंबर (वार्ता) हरियाणा सरकार के 510 प्राइवेट बसों के टेंडर रद्द करने का फैसला वापस लेने के खिलाफ रोडवेज की तालमेल कमेटी के बैनर तले रोडवेज कर्मचारियों ने आज पूरे प्रदेश में दो घंटे का रोष प्रदर्शन किया।

हिसार डिपो में रोष प्रदर्शन का नेतृत्व हिसार डिपो के प्रधान राजपाल नैन, कुलदीप पाबड़ा, राजकुमार चौहान व रमेश माल ने संयुक्त रूप से किया।

कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कर्मचारी नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि एक सोची समझी साजिश के तहत सरकार प्रदेश की जीवन रेखा बन चुकी रोडवेज को पूंजीपतियों के हाथों में सौंपना चाहती है और प्रदेश की गरीब जनता को सस्ती व विश्वसनीय परिवहन सेवा से वंचित कर विभाग का निजीकरण करना चाहती है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश का कोई भी वर्ग छात्र, किसान, मजदूर व कर्मचारी आदि निजी बसों की मांग नहीं कर रहा है फिर भी सरकार जबरदस्ती निजी बसें चलाना चाहती है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि हरियाणा सरकार के रोडवेज में किलोमीटर स्कीम के तहत दिए जाने वाले परमिट के विरोध में रोडवेज कर्मचारियों ने पिछले साल 18 दिन की हड़ताल की थी। हड़ताल के बाद सरकार ने निजी बस संचालकों को दिए गए परमिट की जांच विजिलेंस को सौंप दी और विजिलेंस जांच में यह सिद्ध हो गया कि जो परमिट दिए गए थे उसमें भ्रष्टाचार था और इससे सरकारी राजस्व को बहुत बड़ा नुकसान होगा। विजिलेंस जांच के बाद सरकार ने कुछ निजी बस संचालकों व दोषी पाए कुछ अधिकारियों के विरूद्ध पुलिस एफआईआर दर्ज की गई और अधिकारियों को चार्जशीट किया गया। सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में 510 निजी परमिट रद्द करने का हलफनामा पेश किया। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार ने अगर निजी परमिट रद्द नहीं किये और निजी बसें चलाने का प्रयास किया तो सरकार काे एक लंबे और तीव्र आंदोलन का सामना करना पड़ेगा।

सिरसा, जींद और अन्य स्थानाें से भी प्रदर्शन की खबरें हैं।

सं महेश विक्रम

वार्ता

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