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अकाली-भाजपा की लाभ का पद लेने वाले सात कांग्रेस विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग

अकाली-भाजपा की लाभ का पद लेने वाले सात कांग्रेस विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग

चंडीगढ़, 11 सितम्ब(वार्ता) पंजाब में विपक्षी शिरोमणी अकाली दल(शिअद) तथा भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) गठबंधन ने विधानसभा अध्यक्ष राणा के.पी. सिंह से लाभ का पद लेने वाले सात कांग्रेस विधायकों तथा आम आदमी पार्टी (आप) से इस्तीफा दे चुके चार विधायकों को जन प्रतिनिधता अधिनियम का उल्लंघन करने के लिए अयोग्य ठहराने की मांग की है।

शिअद विधायक दल के नेता परमिंदर सिंह ढींडसा तथा अकाली विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया तथा भाजपा के अरूण नारंग के नेतृत्व में गठबंधन के प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर उन्हें बताया कि कांग्रेस के सात विधायकों ने कैबिनेट और राज्य मंत्री के दर्जे वाले सलाहकार का पद हासिल करने के बाद संविधान के 91वें संशोधन का उल्लंघन किया है जिसमें कहा गया है कि राज्य में मंत्रिपरिषद का आकार कुल विधायकों का 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता। प्रतिनिधिमंडल ने ऐसे में कांग्रेस विधायक राज कुमार वेरका, अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, कुलजीत सिंह नागरा, संगत सिंह गिलजीयां, इंदरबीर सिंह बुलारिया, कमलदीप सिंह ढिल्लों तथा तरसेम सिंह डीसी को विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य करार देने की मांग की है।

प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि इन सात सलाहकारों को कैबिनेट मंत्रियों का दर्जा देकर सरकारी खजाने पर करोड़ों रूपए का अतिरिक्त बोझ डाल दिया है। इन्होंने कहा कि एक ओर जहां राज्य में लोगों को बुनियादी सुविधाओं से महरूम होना पड़ रहा है वहीं सरकार इस तरह की नियुक्तियां कर सरकारी खजाने को लुटाने पर तुली है। राज्य में लगभग 25 लाख छात्रों को मिड डे मील नहीं मिल रहा, अनुसूचित जाति के छात्रों की छात्रवृत्ति रोकी गई है, किसानों को गन्ने का बकाया नहीं दिया जा रहा, सरकारी कर्मचारियों को मंहगाई भत्ते की किस्तें नहीं दी जा रही है और यहां तक कि गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के लिए कथित तौर पर फंड तक जारी नहीं किए हैं।

अकाली-भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि आप के चार विधायक सुखपाल सिंह खैरा, नाजर सिंह मानशाहिया, मास्टर बलदेव सिंह और अमरजीत सिंह संदोआ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं। ऐसे में संविधान की दसवीं सूची के अनुसार यदि किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़़ा सदन का कोई सदस्य स्वेच्छा से सदस्यता स्वेच्छा से छोड़ता है तो वह सदन के सदस्य के तौर पर अयोग्य हो जाएगा। इन्होंने कहा कि इनमें से श्री खैरा और बलदेव सिंह ने पंजाब एकता पार्टी नाम से नई राजनीतिक पार्टी बना ली है जबकि मानशाहिया तथा संदोआ कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। प्रतिनिधिमंडल के अनुसार कर्नाटक तथा हरियाणा के विधानसभा अध्यक्षों ने पार्टियां बदलने वाले विधायकों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हे अयोग्य घोषित कर दिया है तो ऐसे में इन विधायकों के खिलाफ भी नियमानुसार कार्रवाई होनी चाहिये।

अकाली-भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा अध्यक्ष को तीन आप विधायकों पीरमल सिंह, जगदेव कमालू तथा जगतार जग्गा के खिलाफ भी अयोग्य ठहराने की कार्रवाई शुरू करने के लिए कहा जो अपनी पार्टी से बगावत कर चुके हैं।

प्रतिनिधिमंडल में शरणजीत सिंह ढ़िल्लों, पवन कुमार टीनू, लखबीर सिंह लोधीनंगल, हरिंदरपाल सिंह चंदूमाजरा, डाॅ. सुखविंदर सुक्खी, कंवरजीत सिंह रोजी बरकंदी, दिलराज सिंह भूंदड़ तथा बलदेव खारा शामिल थे।

रमेश1930वार्ता

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