सिरसा, 12 सितंबर (वार्ता) हरियाणा में सिरसा जिले के डबवाली में 1995 के अग्निकांड के कुछ पीड़ितों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ इसलिए नहीं मिल पा रहा है कि हाथ जले होने के कारण उनकी उंगलियों के निशान नहीं लिये जा सकते।
23 दिसंबर 1995 को डबवाली के राजीव मैरिज पैलेस में हो रहे डीएवी स्कूल के वार्षिक समारोह में हुए इस अग्निकांड में कुल 492 लोगों की मौत हुई, जिनमें 222 बच्चे थे। दुर्घटना में 88 लोग मौत के आगोश में जाने से तो बच गए पर इनमें से करीब दो दर्जन लोग ऐसे हैं जिनके अंग भंग हो गए। राज्य सरकार ने हालांकि इन्हें सौ फीसदी विकलांग का दर्जा तो दे दिया मगर लंबा अंतराल बीत जाने के बावजूद स्वास्थ्य व अन्य राजकीय सेवाओं से वह अब तक महरूम हैं।
अग्निकांड पीड़ित उमेश अग्रवाल व सुमन कौशल ने बताया कि उनके हाथ जल जाने से फिंगर प्रिंट नहीं लिये जाने से उन्हें भारत सरकार की आयुष्मान भारत सरीखी सेवाओं से महरूम रहना पड़ रहा है। उमेश ने बताया कि वह पिछले लम्बे समय से डबवाली व सिरसा के नागरिक अस्ताल के चिकित्सकों व अधिकारियों से मिल रहे हैं मगर कोई हल नहीं निकल रहा।
उन्होंने बताया कि कई लड़कियों के चेहरे झुलस जाने से आज उनकी शादियों तक में दिक्कत है। साथ ही जब वह बसों में सफर करते हैं तो जले चेहरों के कारण कोई सवारी तक पास नहीं बैठती और घृणा करती है जिससे उनका मन बेहद खिन्न होता है।
उमेश ने बताया कि अग्निकांड के समय वह नौवीें कक्षा का छात्र था उसके बाद 12 वीें तक पास कर ली मगर हाथ झुलसे होने के कारण कम्पयूटर इत्यादि नहीं चला पाता। किसी को पानी तक पिलाने में हिचकिचाहट होती है कि कहीं पानी बिखर न जाए ऐसे में सरकारी नौकरी के लाले पड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि वे अपनी पीड़ा को लेकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित विभिन्न दलों के कई बड़े नेताओं को मिल चुका है मगर कोई सुनने को तैयार नहीं है।
इसी तरह सुमन कौशल को डबवाली की विधायक नैना चौटाला ने पिछले साल मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलवाकर नौकरी की गुहार लगाई मगर स्थिति वही ढाक के तीन पात जैसी है।
कमोबेश ऐसी स्थिति राजन कालड़ा, गिरधर, गीता सहित कई औरों की भी है। उमेश ने बताया कि पहले उन्होंने पीड़ितों के मुआवजे को लेकर कोर्ट कचहरी में लम्बी लड़ाई लड़ी। उसके बाद नौकरी को लेकर वे सियासतदानों को मिलकर थक गए हैं इसलिए अब पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। उनका कहना है कि सरकार को चाहिए कि नौकरी की शर्तों में ढील देकर अग्निकांड पीड़ितों को एडजस्ट करे।
डबवाली फायर विक्टम एसोसिएशन के महा सचिव विनोद बंसल ने आरोप लगाया कि विभिन्न सरकारों की बेरुखी के कारण अग्निकांड का शिकार हुए लोग बेहद विकट स्थिति से गुजर रहे हैं। उन्हें हर सुविधा के लिए धरना, प्रदर्शन या फिर कोर्ट का दरवाजा ही खटखटना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए पिछले दिनों भूख हड़ताल व रोष प्रदर्शन किया गया तब जाकर अस्थाई चिकित्सक विभाग ने यहां भेजे।
सिरसा के उपायुक्त अशोक गर्ग ने कहा कि उन्हें यहां आये कम समय हुआ है, डबवाली अग्निकांड पीड़ितों की समस्याएं उनके संज्ञान में कोई नहीं लेकर आया अगर प्रशासनिक स्तर पर कोई मदद की जरूरत है तो उसे पूरा कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आयुष्मान भारत योजना का लाभ के लिए संबधित विभाग को कहकर डबवाली के राजकीय अस्पताल में आई स्कैनर की व्यवस्था करवाई जाएगी।
सं महेश विक्रम
वार्ता