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स्वास्थ्य विभाग के लिपिकों ने दिया धरना

हिसार, 17 सितंबर (वार्ता) सर्व कर्मचारी संघ से संबंधित हरियाणा हेल्थ मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन ने वर्ष 2014 की रेगुलाईजेशन पॉलिसी के तहत नियमित किए गए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के भत्ते, इंक्रीमेंट व पदोन्नति का लाभ देने की मांग को लेकर नागरिक अस्पताल में आज दो घंटे का सांकेतिक धरना दिया।
धरनारत कर्मचारियों को संबोधित करते हुए जिला प्रधान महेश कुमार ने कहा कि पूर्व की सरकार में बनी रेगुलाईजेशन पॉलिसी के तहत हरियाणा सरकार के तमाम विभागों में कच्चे कर्मचारियों को पक्के होने की सौगात मिली थी, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के भी सैंकड़ों कर्मचारी नियमित हुए थे परंतु पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय ने वर्ष 2014 में बनी रेगुलाईजेशन पॉलिसी को सरकार की कमजोर पैरवी के कारण रद्द कर दिया था, जिसके बाद सरकार ने 27 जुलाई 2018 को पत्र जारी कर उक्त नीति में नियमित हुए कर्मचारियों के सभी लाभों पर जैसे एलटीसी, वार्षिक वेतन वृद्धि, पदोन्नति आदि पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी थी।
हालांकि दो दिन बाद ही कर्मचारी वर्ग के आक्रोश को देखते हुए हरियाणा सरकार ने अपना उक्त पत्र वापस ले लिया और उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में एसएलपी दायर कर दी और उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाते हुए यथास्थिति के आदेश पारित कर दिए।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत लिपिकों को सहायक के पद पर पदोन्नत करने के बाद बिना किसी कारण के रिवर्ट करके लिपिक बना दिया गया और अब हरियाणा सरकार व स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने एक तुगलकी फरमान जारी कर दिया है कि वर्ष 2014 की रेगुलाईजेशन पॉलिसी के तहत नियमित किए गए स्वास्थ्य विभाग के सैंकड़ों कर्मचारियों को किसी प्रकार के भत्ते, इंक्रीमेंट व पदोन्नति का लाभ नहीं दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात है और इससे उनकी कर्मचारियों को बंधुआ मजदूर बनाकर रखने की मंशा जाहिर होती है। इसलिए मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन स्वास्थ्य विभाग की सरकार से मांग है कि तुरंत प्रभाव से उक्त पत्र को वापस लिया जाए और कर्मचारी हित में कर्मचारियों को देय लाभ जल्द से जल्द प्रदान किए जाएं, अन्यथा कर्मचारियों के हित को लेकर एसोसिएशन सड़कों पर आने को मजबूर होगी।
एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से इस तरह की कर्मचारी विरोधी गतिविधियों पर विराम लगाने की गुहार लगाई है और चेतावनी दी है कि नहीं तो एसोसिएशन को मजबूरन कड़ा कदम उठाने और सड़कों पर आने को मजबूर होना पड़ेगा।
सं महेश विक्रम
वार्ता
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