चंडीगढ़, 18 सितंबर (वार्ता) स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने आज हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को खराब बताते हुए आरोप लगाया कि आवश्यकता 5000 डॉक्टरों की है लेकिन नियुक्त सिर्फ 2100 हैं।
उन्होंने यहां जारी बयान में आरोप लगाया कि स्वास्थ्य क्षेत्र में मनोहर लाल खट्टर सरकार की उपलब्धियां शून्य हैं और सरकार ने चुनाव पूर्व वादे पूरा करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया।
उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार ने हरियाणा में दो एम्स खोलने का वादा किया था लेकिन सरकार के अपने आंकड़े बताते हैं कि इनके कार्यकाल में कुल सरकारी अस्पतालों की संख्या 69 से घटकर 62 रह गई।
पार्टी के अनुसार पिछले विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा ने प्रदेश में प्रत्येक बालक, बालिका, महिला एवं वृद्धों को अनिवार्य स्वास्थ्य कार्ड जारी करने, उन्हें कुपोषण से मुक्त रखने के संदर्भ में बजट में विशेष तौर पर धनराशि का प्रावधान करने, स्टेट लिकर पॉलिसी का पुनरावलोकन करने और इसमें जन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सुधार किये जाने, निजी अस्पताल जिन्होंने सरकार से भूमि सस्ते दर पर ली है, उनमें 5% मरीजों का निशुल्क इलाज करवाने व स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करवाने की नीति लागू करने, 2 लाख तक वार्षिक आय वाले परिवारों के लिए चिकित्सा मुफ्त दवाई योजना लागू करने आदि के वायदे शामिल थे पर इनमें से एक भी वादे को पूरा करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया।
श्री यादव ने आरोप लगाया कि देश का अपेक्षाकृत संपन्न राज्य होने के बावजूद हरियाणा सरकार का स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रति व्यक्ति खर्च देश की औसत से कम है। स्वास्थ्य कर्मियों के राष्ट्रीय प्रतिमान की तुलना में हरियाणा में डॉक्टर एएमसी और नर्स सभी आवश्यकता से आधे भी नहीं है। प्रदेश में 5000 से अधिक डॉक्टर की आवश्यकता है जबकि केवल 2100 डॉक्टर नियुक्त किए गए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बावजूद खट्टर सरकार तनिक भी गंभीर नहीं दिखती और झूठे विज्ञापन देकर बस प्रचार में लगी है।
महेश विक्रम
वार्ता