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लिपिक परीक्षा: आवेदकों के वंचित रहने के लिए सरकार जिम्मेवार : नैन

हिसार, 24 सितंबर (वार्ता) हरियाणा रोडवेज कर्मचारी यूनियन के हिसार जिला प्रधान राजपाल नैन ने आज आरोप लगाया कि परिवहन बेड़े में बसों की कमी के कारण लाखों बेरोजगार कर्मचारी चयन आयोग की लिपिक भर्ती के लिए परीक्षा देने से वंचित रह गए और परीक्षा देने जा रहे कई युवाओं की मौत भी हो गई जिसके लिए प्रदेश सरकार जिम्मेवार है।
हरियाणा कर्मचारी महासंघ से संबंधित रोडवेज कर्मचारी यूनियन के नेता नैन समेत अन्य नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी कर यह आरोप लगाया। उन्होंने बयान में कहा कि प्रदेश में लिपिक पदों पर भर्ती करने के लिए सरकार ने 4858 पदों के लिए आवेदन मांगे थे, जिसके लिए करीब 15 लाख 7 हजार युवकों नेे आवेदन किया, परन्तु बसों की भारी कमी के कारण लगभग 60 फीसदी आवेदक ही परीक्षा में बैठ पाए।
उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से आयोजित की गई परीक्षा को लेकर आवेदकों के गृह जिला की बजाय दूर दराज के जिलों में परीक्षा सेंटर अलॉट कर दिए गए। प्रदेश में बसों की भारी कमी के कारण आवेदकों को अपने परीक्षा केंद्र पर पहुंचने के लिए बसों की छतों पर या बसों में लटक कर सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि परीक्षा देने के लिए जा रहे कुछ युवक व युवतियों की दुर्घटना में मौत हो गई और कुछ गंभीर रूप से घायल हो गए।
उन्होंने कहा कि इसके लिए पूरी तरह से राज्य सरकार जिम्मेवार है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि किसी भी प्रकार की परीक्षा का आयोजन करने से पहले अपने संसाधनों का आंकलन करे और जिन्होंने नौकरी के लिए आवेदन किया है उनको उनके परीक्षा केन्द्र तक पहुंचाने की सरकार व्यवस्था करे, लेकिन ना तो पूर्व में रही सरकारों ने और ना ही मौजूदा सरकार ने इस तरफ कोई ध्यान दिया।
उन्होंने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक 21, 22 व 23 तीन दिनों तक चली परीक्षा में सभी आवेदकों को उनके परीक्षा केन्द्र तक पहुंचाने के लिए 9660 बसों की आवश्यकता थी। यदि हर एक आवेदक के साथ एक अभिभावक और जोड़ दिया जाए तो लगभग 19320 बसों की आवश्यकता थी। उन्होंने बताया कि जब भाजपा सरकार सता में आई उस समय परिवहन बेड़े में 4260 बसें थी, जिनकी संख्या अब घटकर 3485 हो गई है। उन्होंने बताया कि इन 3485 बसों में से भी लगभग 2950 बसें ही मार्ग पर चल रही हैं, जिसके कारण इस परीक्षा के दौरान अवैध वाहनों ने खूब चांदी काटी। अंबाला व भिवानी में किलो मीटर स्कीम की पकड़ी गई बसें इसका उदाहरण हैं जिसका अभी तक माननीय कोर्ट में केस चल रहा है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वो अपने प्रदेश के लोगों को सुविधाजनक और सुरक्षित परिवहन सेवा उपलब्ध करवाए। परिवहन सेवा किसी भी राज्य के विकास का अहम हिस्सा मानी जाती है।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि रोडवेज कर्मचारी जनता से अपील करते हैं कि चुनाव के दौरान वोट मांगने के लिए आने वाले सतापक्ष व विपक्ष के राजनेताओं से रोडवेज बेड़े में बसों की संख्या बढ़ाने की मांग करें, जिससे प्रदेश की जनता को सुरक्षित परिवहन सुविधा मिल सके और युवाओं को रोजगार मिल सके।
सं महेश विक्रम
वार्ता
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