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सुपर एसएमएस युक्त कंबाइन ही कर सकेंगी धान की कटाई:उपायुक्त

जालंधर, 27 सितंबर (वार्ता) पराली जलने से पैदा होने वाली खतरनाक गैसों से बचाने के लिए पंजाब में जालंधर के उपायुक्त वरिंदर कुमार शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि इस धान की कटाई के मौसम में किसी भी कंबाइन हार्वेस्टर को सुपर एसएमएस यंत्र फिट किए बिना काम नहीं करने दिया जाएगा।
श्री शर्मा ने इस पर स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि पंजाब सरकार ने एयर (रोकथाम और प्रदूषण पर नियंत्रण) अधिनियम 1981 के तहत बिना एसएमएस यंत्र की कंबाइनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है और यदि कोई व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि धान की फसल की कटाई मुख्य रूप से कंबाइन हार्वेस्टर का उपयोग करके की जाती है और जब सुपर एसएमएस को कंबाइन के पीछे लगाया जाता है, तो यह धान के पुआल को बहुत छोटे टुकड़ों में काट देता है, जिससे अन्य मशीनों के लिए खेतों में काम करना आसान हो जाता है।
उन्होंने यह भी बताया कि कटाई में सुपर एसएमएस के उपयोग से, हैप्पी सीडर का उपयोग करके गेहूं की सीधी बुवाई आसानी से की जा सकती है, जिससे समय और धन दोनों की बचत होती है।
श्री शर्मा ने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए इन-सीटू प्रबंधन अलग-अलग किसानों को हैप्पी सीडर , धान के पुआल चॉपर, मल्चर, हाइड्रोलिक रिवर्सेबल एमबी प्लांट, जीरो ड्रिल, सुपर एसएमएस रोटरी स्लेशर / झाड़ी कटर की खरीद के लिए 50 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए पंजीकृत किसान समूहों या सहकारी समितियों के लिए 80 फीसदी अनुदान का प्रावधान है ताकि किसानों द्वारा किराए पर मशीनरी का उपयोग किया जा सके।
श्री शर्मा ने कहा कि धान के डंठल के जलने से मिट्टी के कई प्रमुख पोषक तत्व और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं, क्योंकि धान के डंठल के जलने से कई जहरीली गैसें पैदा होती हैं जो मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती हैं। मुख्य कृषि अधिकारी डॉ नज़र सिंह ने कहा कि विभाग के पास 350 कंबाइन मशीनें पंजीकृत हैं और सभी में सुपर एसएमएस तकनीक युक्त हैं।
ठाकुर.श्रवण
वार्ता
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