राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Sep 30 2019 11:43PM सदभावना के तौर पर सरकार सभी 22 सिख कैदियों को रिहा करे - मंडजालंधर, 30 सितंबर (वार्ता) श्री अकाल तख्त के स्वंय-भू जत्थेदार ध्यान सिंह मंड ने गृह मंत्रालय द्वारा आठ सिख कैदियों की रिहाई और बलवंत सिंह राजोआना की फांसी को उम्रकैद में बदलने का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार उनकी मांग अनुसार सभी 22 कैदियों को रिहा करे।ध्यान सिंह मंड ने आज पत्रकारों से कहा कि सभी सिख संगठनों की लंबे समय से यह मांग चली आ रही थी कि सजाएं पूरी कर चुके सिख कैदियों को रिहा किया जाए। इसी मांग को लेकर गुरवक्श सिंह और बापू सूरत सिंह ने भूख हड़ताल की। छह माह तक बरगाड़ी का मोर्चा चला। बरगाड़ी मोर्चा दौरान उन्होंने जेलों में बंद 22 सिख कैदियों की रिहाई की सूची सरकार को सौंपी थी। पंजाब सरकार ने इस सूची में से आठ सिख कैदियों की रिहाई और राजोआना की फांसी को उम्रकैद में बदलने के लिए केन्द्र सरकार को सिफारिश की थी। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने श्री गुरू नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर मानवीय सदभावना के आधार पर देश की अलग-अलग जेलों में बंद आठ सिख कैदियों की रिहाई का एलान किया है। इसके अतिरिक्त राजोआना की फांसी को उम्रकैद में बदल दिया है। श्री मंड ने कहा कि गृह मंत्रालय के इस फैसले का वह स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि उनके द्वारा सौंपी गई सूची में शामिल पूर्व मुख्य मंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे जगतार सिंह हवारा सहित सभी कैदियों को रिहा किया जाए। उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा 312 सिखों की काली सूची को समाप्त करने की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह फैसला देर से आया है पर दरूस्त है। उन्होने करतारपुर गलियारा खोलने की भी प्रशंसा की।बरगाड़ी मामले की जांच संबंधी एक सवाल पर श्री मंड ने कहा कि सीबीआई ढाई वर्षों तक इस मामले जांच करने पर भी कुछ खास नहीं कर पाई है इसलिए इस मामले को सीबीआई से वापस लेकर पंजाब पुलिस को सौंप देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार बताए कि अभी तक यह मामला सीबीआई से वापस क्यों नहीं लिया गया। इस अवसर पर उनके साथ रणजीत सिंह वांदर, सतनाम सिंह मनावा, जगदीप सिंह भुल्लर और डॉ बलवीर सिंह सरांवा भी उपस्थित थे। ठाकुर, शोभित वार्ता