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अब नौनिहाल जगायेंगे पर्यावरण संरक्षण की अलख

चंडीगढ़, 15 अक्तूबर(वार्ता)पंजाब में धान के अवशेष जलाने के खिलाफ़ शुरु की गई मुहिम में अब राज्य के स्कूली बच्चे भी अपना योगदान देंगे।
ग्रामीण क्षेत्र में सभी प्राइमरी, मिडल, हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के विद्यार्थी 18 अक्तूबर को अपने-अपने क्षेत्रों के गाँवों में प्रात:काल 9 से 10 बजे तक जागरूकता रैलियों के जरिये किसानों को पराली जलाने के दुष्प्रभावों से अवगत करायेंगे। यह जानकारी कृषि विभाग के सचिव काहन सिंह पन्नू ने आज यहां दी ।
उन्होंने बताया कि पराली न जलाने की मुहिम को पूर्णत: सफल बनाने के लिए जागरूकता अहम हथियार है जिसके लिए स्कूली बच्चे सबसे कारगर साबित हो सकते हैं। कृषि विभाग राज्य के स्कूल शिक्षा के सचिव, सभी उपायुक्तों को पत्र लिखकर 18 अक्तूबर को निकाली जाने वाली रैलियों में छात्रों को शामिल करने का आग्रह किया है । रैली मेंं पराली जलाने के दुष्प्रभावों की जानकारी मुहैया करवाई जायेगी । वे किसानों को जागरूक करेंगे कि किस तरह पराली न जला कर भूजल को बचाने, उत्पादन बढ़ाने और सबसे अहम हमारे वातावरण को कैसे बचाया जा सकता है। सरकार ने उपायुक्तों और स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा पराली न जलाने के स्लोगन भी स्कूलों को मुहैया करवाए गए हैं। पराली जलाने से होने वाले धरती के खाद्य तत्वों के नुकसान और वातावरण में फैलती गंदली गैसों संबंधी भी जानकारी मुहैया करवाई गई है।
श्री पन्नू ने बताया कि धान की पराली को आग लगाने से रोकने के लिए बहुत बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में किसानों को सब्सिडी पर मशीनें मुहैया करवाने के साथ-साथ उनको पराली जलाने से वातावरण पर पड़ रहे बुरे प्रभावों संबंधी भी अवगत करवाया जा रहा है। पंजाब में बहुत किसान ऐसे हैं जो पराली को आग लगाए बिना ही खेतों को जोत कर गेहूँ की फ़सल की बिजाई या सब्जियाँ आदि की काश्त करके बढिय़ा उत्पादन प्राप्त करते हैं। धान की पराली को आग लगाने से धरती की सेहत के साथ खिलवाड़ होता है और इस आग के धुएं से वातावरण प्रदूषित होता है।
उन्होंने कहा कि नवबंर महीने में श्री गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व बड़े स्तर पर मनाया जा रहा है। गुरू साहिब द्वारा पवन, पानी और धरती को साफ़ रखने के दिए संदेश को अमली रूम में लागू करने के लिए स्कूली विद्यार्थी अहम रोल निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के स्कूलों में 60 लाख के करीब बच्चे पढ़ रहे हैं और प्रदूषित होते जा रहे वातावरण का सबसे बड़ा नुकसान इन बच्चों और विद्यार्थियों को भुगतना पड़ता है, इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों के सभी स्कूलों के बच्चे अब ख़ुद जागरूक मुहिम की कमान संभालते हुए वातावरण को प्रदूषित होने से रोकने के लिए अपनी आवाज़ बुलंद करेंगे।
शर्मा
वार्ता
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