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खेहरा ने पांच पुलिसियों की रिहाई की आलोचना की

खेहरा ने पांच पुलिसियों की रिहाई की आलोचना की

चंडीगढ़, 15 अक्तूबर (वार्ता) पंजाब एकता पार्टी नेता सुखपाल सिंह खेहरा ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के पांच पुलिसियों, जिन पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप था, की रिहाई के फैसले की आलोचना की।

श्री खेहरा ने यहां जारी बयान में आरोप लगाया कि यह कदम पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार की सिफारिश पर उठाया गया है तथा यह फर्जी मुठभेड़ का शिकार हुए लोगों के परिजनाें के घावों पर नमक छिड़कने के समान है।

श्री खेहरा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सरकार और मोदी सरकार न्यायिक व्यवस्था का मजाक बना रही हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में उग्रवाद के दौर में हुई इन फर्जी मुठभेड़ों के मामलों में यह पुलिसकर्मी अदालतों की तरफ से दोषी पाये गये थे।

श्री खेहरा ने कहा कि फर्जी मुठभेड़ों में निर्दोष लोग मारे गये थे और उनमें एक मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालरा की मौत का मामला शामिल था जिन्हें 1995 में फर्जी मुठभेड़ में मारा गया था।

पंजाब एकता पार्टी नेता ने कहा कि श्री खालरा ने पुलिस ज्यादतियोें और फर्जी मुठभेड़ों में 2500 निर्दोष लोगाें के मारे जाने का मामला उठाया था।

श्री खेहरा ने कहा कि श्री खालरा की पत्नी और खालरा मिशन कमिटी को कई वर्ष लगे थे इस मामले में न्याय पाने में और अगर ऐसे पुलिसकर्मियों को रिहा किया जाता है तो यह भारतीय न्याय व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाता है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ महीने पहले भी उत्तर प्रदेश पुलिस के चार सदस्याें को रिहा किया गया था जिन पर एक दलित युवक को फर्जी मुठभेड़ में मार देने का आरोप था। उन्हाेंने आरोप लगाया कि पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सरकार केंद्र की मोदी सरकार के प्यादे के रूप में काम कर रही है और पुलिसकर्मियों की रिहाई में अकाली दल, कैप्टन सरकार की मिली भगत है।

महेश विक्रम

वार्ता

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