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भाजपा शासन में देश की अर्थव्यवस्था आईसीयू में है: तिवारी

भाजपा शासन में देश की अर्थव्यवस्था आईसीयू में है: तिवारी

चंडीगढ़, 18 अक्तूबर(वार्ता) कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) पर आज निशाना साधते हुये कहा कि उसके शासन में देश की अर्थव्यवस्था जर्जर स्थिति में पहुंच गई है तथा लोग इस सम्बंध में विशेषकर बैंकों में रखे अपनी मेहनत की कमाई के पैसे की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं।

श्री तिवारी ने आज यहां हरियाणा में विधानसभा चुनावों के सिलसिले में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि वर्ष 2024 तक देश की अर्थव्यवस्था पांच खरब डॉलर की होगी। उन्होंने दावा किया कि देश की अर्थव्यवस्था इस समय लगभग 2.6 खरब डॉलर की है और वर्ष 2011- 12 के आधार पर विकास दर पांच प्रतिशत है। यदि आर्थिक विकास दर की गणना के लिये आधार वर्ष 2014-15 लिया जाये तो यह दर मात्र तीन प्रतिशत है जो कि गत छह वर्षों में सबसे कम है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि देश का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 1.1 प्रतिशत है जबकि गत वर्ष यह 6.9 प्रतिशत था। देश की औद्योगिक विकास दर इस समय 3.1 प्रतिशत है जबकि गत वर्ष यह आंकड़ा पांच प्रतिशत था। उन्होंने कहा कि ऐसे आठ प्रमुख क्षेत्र जो देश के विकास का इंजन समझे जाते हैं उनकी विकास दर मात्र तीन प्रतिशत ही है जबकि गत वर्ष यह आठ प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में निजी निवेश वर्ष 2018-19 में साढ़े नौ लाख करोड़ रूपये था जबकि 2006-07 से लेकर 2010-11 तक अर्थव्यवस्था में निजी निवेश का आंकड़ा 25 लाख करोड़ रूपये होता था। उपरोक्त आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति क्या है।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि घरेलू बचत दर में बेहद गिरावट आई जहां से अर्थव्यवस्था को चलाने के लिय नकदी मिलती है। उन्होंने कहा कि आम जनता बचत के रूप में पैसे बैंकों में जमा करती है। बैंकों आगे इसे ऋण के रूप में उद्योगों और अन्य क्षेत्रों को देते हैं। घरेलू बचत की जो दर 2011-12 में 23.6 प्रतिशत थी वह वर्ष 2017-18 में घट 17.2 प्रतिशत रह गई। देश में इस समय बेरोजगारी की दर 6.1 प्रतिशत है जो गत 45 वर्षों में इतनी कभी नहीं रही। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में निवेशक देश की अर्थव्यवस्था से 58 लाख डॉलर अर्थव्यवस्था से निकाल कर देश से बाहर ले जा चुके हैं जबकि पिछली संप्रग सरकार के पांच वर्ष के दूसरे कार्यकाल के दौरान इतना पैसा निवेशकों ने निकाला था। बेहद अहम बात यह है कि वाणिज्यिक ऋणों में चालू वित्त में 88 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। ऋणों का यह आंकड़ा गत वर्ष 7.35 लाख करोड़ रूपये था जो चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में गिर कर लगभग 90995 करोड़ रूपये रह गया है। यही कारण है कि देश के बैंकिंग क्षेत्र में बड़ा संकट आया हुआ है।

उन्होंने कहा कि वह वित्त मंत्रालय की स्थायी समिति के सदस्य हैं और आज जिम्मेदारी से यह कह सकते हैं कि देश की जनता का बैंकों में रखा पैसा सुरक्षित नहीं है। यह स्थिति नोटबंदी के समय भी पैदा हुई थी जब लोग अपने ही पैसे के लिये मोहताज हो गये थे और उन्हें कतारों में लगना पड़ा था। पंजाब और महाराष्ट्र बैंक घोटाले के डूबने में भी यही स्थिति कारण बनी है और अंदेशा है यह परिस्थति पीएमसी तक ही सीमित नहीं है।

श्री तिवारी ने कहा कि साम्प्रदायिक अस्थिरता और आर्थिक विकास साथ साथ नहीं चल सकते। जिस देश में साम्प्रदायिक सद्भाव का अभाव हो वहां विकास नहीं हो सकता। इसलिये हरियाणा विधानसभा चुनाव राज्य की जनता के लिये सुनहरा मौका है कि वह केंद्र सरकार को अपने बोट के माध्यम से यह संदेश दे कि वह देश की परिस्थति और अर्थव्यवस्था की जर्जर हालत से वह खुश नहीं है। क्योंकि परिस्थितियों अगर ऐसी ही रहीं तो जो हालत पीएमसी बैंक ही हुई है वह कई अन्य बैंकों की होने वाली है और आम आदमी जो अपनी मेहनत कमाई से चार पैसे जोड़ कर बैंकों में अपने परिवार की भलाई के लिये रखता है वह सुरक्षित नहीं है।

रमेश2027वार्ता

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