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बच्चों ने मुख्य न्यायाधीश को लिखा, खेलने के लिये कोई मैदान नहीं

शिमला, 31 अक्तूबर (वार्ता) हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में कोई खेल मैदान न होने के कारण बच्चे परेशान हैं और उन्होंने प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से इसकी शिकायत की है। अब अदालत ने इसका कड़ा संज्ञान लेते हुये राज्य सरकार को इस सम्बंध में नोटिस जारी कर दिया है।
स्थानीय नाभा कालोनी के बच्चों द्वारा मुख्य न्यायाधीश को लिखे इस पत्र के आधार पर न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी और और न्यायाधीश ज्योत्सना रेवाल दुआ की युगल खंडपीठ ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रधान सचिव, शिमला जिला उपायुक्त तथा निगमायुक्त को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। बच्चों ने पत्र में लिखा है कि शिमला शहर भीड़भाड़ वाला हो गया है और यहां अत्यधिक निर्माण हो रहा है जिससे उन्हें खेलने के लिये जगह नहीं बची है। ऐसे में वे सड़कों के किनारे खेलने के लिए मजबूर हैं जोकि किसी जोखिम से कम नहीं है। बच्चों ने नाभा के ब्लॉक 34 के खाली मैदान पर सरकार द्वारा निर्माण का विरोध करते हुये यहां खेल का मैदान बनाने की गुहार लगाई है ताकि वे वहां खेल सकें।
उच्च न्यायालय ने शिकायत का कड़ा संज्ञान लेते हुये कहा कि बच्चे देश का भविष्य है और उन्हें स्वच्छ वातावरण में खेलने का अधिकार भी है। खेल बच्चों को स्वस्थ और मजबूत बनाता है और उनके शरीर की कसरत भी होती है। खंठपीठ ने अब इस पर सम्बंधित पक्षों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा है।
सं.रमेश2010वार्ता
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