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आरसीईपी समझौते से बाहर रहने का फैसला देश के किसानों के हित में : कृषि विशेषज्ञ

शिमला, 05 नवम्बर (वार्ता) कृषि विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा ने कहा है कि पिछले करीब सात साल की माथापच्ची के बाद घरेलू उद्योगों के हित से जुड़ी मूल चिंताओं का समाधान नहीं होने पर आखिरकार भारत ने चीन के समर्थन वाले आरसीईपी समझौते से बाहर रहने का फैसला किया है जो किसान हित में है ।
उन्होंने आज यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को आरसीईपी शिखर बैठक में कहा कि भारत आरसीईपी में शामिल नहीं होगा। भारत का ये फैसला सराहनीय कदम है और इससे देश के किसानों को लाभ होगा। उन्होंने बताया कि भारत के इस कदम से साफ है कि भारत सावधानी से अपने उद्योग और किसानों के संरक्षण की सोच रहा है। इससे डेयरी क्षेत्र को बड़ी राहत मिलेगी। पिछले सालों में देश भर के 3 लाख 18 हजार किसानों ने आत्महत्या की जबकि अकेले पंजाब में ही पिछले दो साल में 16 हजार किसानों ने आत्महत्या की। इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
आसियान देशों और 6 अन्य प्रमुख देशों की आरसीईपी के तहत मुक्त व्यापार करार में डेयरी उत्पाद को शामिल करने के प्रस्ताव है, जिसका किसान विरोध कर रहे थे। आरसीईपी वार्ताओं को शुरू करने का मकसद एक आधुनिक, व्यापक, उच्च गुणवत्ता वाला और पारस्परिक लाभकारी आर्थिक भागीदारी करार करना था।
सं शर्मा
वार्ता
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