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निवेशक सम्मेलन से समावेशी, सामाजिक एवं आर्थिक विकास को बल मिलेगाः जयराम

धर्मशाला, 07 नवम्बर(वार्ता) हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के उनकी सरकार के प्रयासों से समावेशी, सामाजिक एवं आर्थिक विकास को बल मिलेगा तथा सरकार जल्द ही राज्य में निवेश लाने तथा निवेशकों की मदद के लिये ‘इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन अथॉरिटी‘ स्थापित करेगी।
श्री ठाकुर ने आज से यहां शुरू हुये दो दिन के ‘राईजिंग हिमाचल वैश्विक निवेशक सम्मेलन‘ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्र और राज्य के मंत्रियों तथा देश-विदेश से आये विभिन्न सरकारों, उद्योगपतियाें, उद्योग प्रतिनिधियों की मौजूदगी में अपने सम्बोधन में कहा कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में राष्ट्र उन्नति कर रहा है और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में देश ने अपनी छवि बनाई है। उन्होंने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुये श्री मोदी द्वारा आयोजित वाईब्रेंट गुजरात कार्यक्रम के ने हिमाचल को निवेश आकर्षित करने का रास्ता दिखाया है। उन्होंने कहा कि गुजरात में आयोजनों की सफलता से प्रेरित होकर उन्होंने ने भी राज्य में व्यापक निवेश के लिए सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने इस सम्मेलन के माध्यम से निवेश की अपार सम्भावनाओं को देखते हुए राज्य के सतत और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सम्मेलन के आयोजन से पहले प्रदेश ने तीन अंतरराष्ट्रीय रोड शो, छह घरेरू रोड शो और सम्मेलन तथा 50 देशों के राजदूतों के साथ बैठकें आयोजित कीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश ने 85 हजार करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य निर्धारित रखा था लेकिन अब तक 92,439 करोड़ रुपये के निवेश के 603 समझौताें हस्ताक्षर हो चुके हैं।
श्री ठाकुर ने कहा कि हिमाचल सरकार औषधि निर्माण और शोध के साथ प्रदेश को थोक दवा निर्माण के केंद्र के रूप में विकसित करना चाहती है जिससे देश का दवा आयात बिल कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक सौंदर्य, शुद्ध और शांत वातावरण, सांस्कृतिक विविधता और भाषायी बहुलता हिमाचल को निवेश के लिये देश का लोकप्रिय गंतव्य बनाता है। राज्य आगंतुकों को साहसिक, वन्य जीव, ईको-पर्यटन, धरोहर, आध्यात्मिक आदि विकल्प उपलब्ध कराता है। सरकार पर्यटन को प्रदेश के विकास के लिए प्रमुख ईंजन के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अपनी निवेश नीति के अंतर्गत लुभावने प्रोत्साहन उपलब्ध करा रही है तथा प्रदेश को निवेश के लिए और अधिक आकर्षित एवं निवेश-मित्र बना रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए पर्यटन नीति, फिल्म नीति, सूचना प्रौद्योगिकी नीति, आयुष नीति, अफोरडेबल हाउसिंग नीति जैसे विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावशाली नीतियां बनाई गई हैं तथा पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रभावशाली दृष्टिकोण अपनाया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के दीर्घकालीन सामाजिक-आर्थिक विकास के उद्देश्य से स्वास्थ्य, गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध कराने, सस्ती एवं स्वच्छ ऊर्जा, सतत औद्योगिकीकरण, आर्थिक विकास के लिये शहर एवं गांव जैसे क्षेत्र चिन्हित किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऊर्जा, पर्यटन एवं आवास जैसे क्षेत्रों में निवेश की अपार सम्भावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने निवेशकों से ‘देवभूमि’ को अपनी ‘कर्मभूमि’ बनाने का आग्रह किया और कहा कि प्रदेश सरकार जल्द ही राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए इन्वेस्टमेंट प्रमोशन अथाॅरिटी स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने वैट सम्बंधी मामलों के समाधान के लिये योजना भी मंजूर की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दो दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों, कार्पोरेट जगत के नेताओं, वरिष्ठ नीति निर्माता, विकास एजेंसी, राज्य में सामाजिक-आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए विश्वभर से अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों को एक साथ लाने के लिए एक मंच प्रदान करना है।
उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने इस अवसर पर कहा कि अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रदेश सरकार ने औद्योगिक निवेश नीति-2019 बनाई है तथा इस वर्ष जून माह में यह नीति लागू की गई है। प्रदेश में ईज़ ऑफ डूईंग कारोबार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से डिजिटलीकरण किया गया है और स्वयं प्रमाणन को भी प्रोत्साहित किया गया है।
इस अवसर पर राज्य के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद एस पटेल, केंद्रीय वित्त एवं कार्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, सिक्किम प्रदेश के मुख्यमंत्री पवन कुमार तामांग, पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, सांसद किशन कपूर, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, भारत में संयुक्त अरब अमीरात के राजदूत एचई अहमद अल बाना, भारतीय उद्योग संघ (राष्ट्रीय सहयोगी) के महानिदेशक चन्द्रजीत बैनर्जी, बीआरएस वेंचर के अध्यक्ष एवं संस्थापक डाॅ. बी.आर. शेट्टी, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष आर.सी. भार्गव, ऊर्जा एवं अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा जीएमआर समूह के अध्यक्ष श्रीनिवास बोमिदला, भारती एंटरप्राईजज लिमिटेड के उपाध्यक्ष राकेश भारती मित्तल, एमेजाॅन इंडिया के अध्यक्ष अमित अग्रवाल, आदानी एग्रो ऑयल एवं गैस समूह के प्रबंध निदेशक प्रणव आदानी, राज्यों के मंत्री, विधायक, सांसद, हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी, राज्य के विभिन्न बोर्ड और निगमों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा विश्वभर से आए लगभग दो हजार से अधिक प्रतिनिधि उपस्थित थे।
रमेश2015वार्ता
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