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हिमस्खलन में शहीद जवान मनीष की राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि

शिमला, 20 नवम्बर (वार्ता) हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में कुनिहार के दोची गांव निवासी सैनिक मनीष(22) की आज उनके पैतृक गांव में पूरे राजकीय एवं सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई।

डोगरा रेजीमेंट में तैनात मनीष समेत सेना आठ जवान और दो पोर्टर गत सोमवार को लद्दाख के सियाचिन क्षेत्र के उत्तरी ग्लेशियर में गश्त के समय हिमस्खलन की चपेट में आने से बर्फ में दब गये थे। तुरंत राहत एवं बचाव कार्य के बाद सभी को बर्फ से निकाल कर अस्पताल ले जाया गया था जहां पंजाब के तीन और हिमाचल प्रदेश के मनीष और दो पोर्टरों ने दम तोड़ दिया था।

इससे पहले मनीष का शव विशेष विमान से लेह से चंडीगढ़ तथा बाद में सड़क मार्ग से पैतृक गांव लाया गया जहां हजारों लोगों ने नम आंखों से उसे श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्य सरकार की ओर से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल और जिला प्रशासन की ओर से उपमंडलाधिकारी रोहित राठौर ने शहीद मनीष के शव पर श्रद्धांजलि अर्पित की। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं प्रवक्ता रणधीर शर्मा, प्रदेश भाजपा सचिव रतन सिंह पाल, एपीएमसी सोलन के अध्यक्ष संजीव कश्यप, दुधारू पशु सुधार सभा सोलन के अध्यक्ष रविंद्र परिहार, वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी शहीद मनीष को भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की।
मनीष की मां मीरा देवी, पिता रामस्वरूप और नानी नानकी देवी समेत सभी परिजन बिलख बिलख कर मनीष को पुकार रहे थे लेकिन देश का यह वीर सपूत चिरनिद्रा में सो चुका था। मनीष की अंतिम यात्रा पर समूची कुनिहार घाटी देशभक्ति के जयघोष से गूंज उठी। बड़े भाई राहुल ने मनीष की चिता को मुखाग्नि दी।
नौ अप्रैल 1998 को जन्मे मनीष ने स्थानीय स्कूल से ही पढ़ाई की थी। वीरता और देशभक्ति का जुनून ऐसा था कि कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़ कर वह सेना की डोगरा रेजिमेंंट में दिसम्बर 2017 भर्ती हो गये। सोमवार की देर शाम मनीष के हिमस्खलन की चपेट में आने की जानकारी गांव में पहुंच गई थी। इसके बाद सभी उनकी सलामती को लेकर ईश्वर से प्रार्थना कर रहे थे।
सं.रमेश1940वार्ता
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