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हरियाणा के गांवाें में शराब के सशर्त ठेके खोलने को लेकर विस. में विधेयक पारित

चंडीगढ़, 26 नवम्बर(वार्ता) हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों में शराब के ठेके खोलने सम्बंधी फैसला लेने के लिये ग्राम पंचायतों के वजाय ग्राम सभाओं को अधिकृत करने को लेकर राज्य विधानसभा के एक दिन के विशेष सत्र के दौरान आज हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा-31 को संशोधित सम्बंधी विधेयक पारित किया गया।
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत्र चौटाला ने सदन में हरियाणा पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) विधेयक-2019 पेश किया जिसे कुछ सदस्यों द्वारा चर्चा के बाद सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। संशोधन के अनुसार सम्बंधित गांव के कुल मतदाताओं का अगर दस प्रतिशत मतदाता किसी भी वर्ष एक अप्रैल से 31 दिसम्बर तक शराब का ठेका न खोलने को लेकर प्रस्ताव पारित कर खंड विकास पंचायत अधिकारी को देंगे तो उस गांव में शराब का ठेका नहीं खोला जाएगा। विधेयक के पारित होने के बाद अब शराब के ठेके खोलने को लेकर ग्रामीणों को ग्राम पंचायतों के सरपंचों या पंचों के प्रभाव से मुक्ति मिलेगी।
इसके अलावा वर्तमान में हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा-66 तथा 126 में प्रावधान है कि प्रत्येक पंचायत समिति तथा जिला परिषद अपने कार्य सम्पादन के लिए प्रत्येक वर्ष में कम से कम छह बैठकें करेंगी, लेकिन कई कारणों से इन बैठकों में फलदायक बहस नहीं हो पाती। इसलिए, पंचायत समितियों तथा जिला परिषदें के हित में सार्थक बहस के लिए समुचित मंच प्रदान करने के लिए उक्त अधिनियम में वर्णित बैठकों की संख्या के अलावा प्रत्येक छह माह में कम से कम दो दिन की अवधि का सत्र बुलाए जाने का भी प्रावधान किया गया है।
रमेश1928वार्ता
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