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पंजाब में वित्तीय आपात के बने हालात :शिअद

पंजाब में वित्तीय आपात के बने हालात :शिअद

चंडीग़ढ ,29नवंबर(वार्ता) पूर्व वित्त मंत्री एवं शिरोमणि अकाली दल ने नेता परमिंदर सिंह ढींडसा ने कहा है कि अमरिंदर सरकार के कुप्रबंधन तथा गलत नीतियों के कारण राज्य में जीएसटी संग्रह में आई गिरावट बारह हजार करोड़ का आंकडा पार कर चुकी है तथा अब हालात वित्तीय आपात के बनते जा रहे हैं ।

उन्होंने आज यहां पत्रकारों से कहा कि सरकार के खराब प्रदर्शन तथा जीएसटी वसूली की दर पूरे देश में सबसे खराब है तथा सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए केंद्र सरकार पर जीएसटी मुआवजा जारी न करने का आरोप लगाकर झूठा प्रचार कर रही है । जबकि यह बकाया सिर्फ दो महीने का बाकी है।

उनके अनुसार पंजाब को साल 2019-20 के पहले पांच महीनों के दौरान जीएसटी वसूली में 44 फीसदी की गिरावट देखनी पड़ी है। पूरे देश में इस गिरावट की औसत 21 फीसदी है। सरकार की नालायकी तथा कुप्रबंधन के कारण राज्य के जीएसटी संग्रह में आई गिरावट 12 हजार करोड़ रूपए का आंकड़ा पार कर चुकी है। अगले दो सालों में यह गिरावट बढ़कर 20 हजार करोड़ रूपए होने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि वित्तीय आपात की स्थिति कांग्रेस सरकार द्वारा टैक्स वसूली में दिखाई विफलता का ही परिणाम है। इस साल के पहले छह महीने के दौरान सरकार ने सिर्फ 34 फीसदी टैक्स लक्ष्य पूरा किया है तथा टैक्स वसूली में 14 फीसदी गिरावट सामने आई है। गैर योजनाबद्ध सैक्टर, जिसमें सीएलयू तथा माईनिंग शामिल हैं, की हालत तो बदतर है, जहां तक सिर्फ 14 फीसदी टैक्स लक्ष्यों की पूर्ति हुई है।

अकाली नेता ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस सरकार लोगों को ऐसे बयान देकर गुमराह करने की कोशिश कर रही है कि जीएसटी मुआवजे का केंद्र की तरफ 4100 करोड़ रूपए का बकाया है। केंद्र की तरफ दो महीने के जीएसटी मुआवजे की बकाया राशि सिर्फ 2100 करोड़ रूपए है। प्रदेश सरकार द्वारा बाकी दो हजार करोड़ रूपए की मांग किसी अन्य रूप में की जा रही है, जो केंद्र द्वारा अस्वीकृत की जा चुकी है।

उनके अनुसार 2100 करोड़ रूपए की बकाया राशि केंद्र की तरफ वेट समाप्त करने के बदले हर साल 14 फीसदी मुआवजा देने के किए वादे का हिस्सा है। वेट में सालाना औसत वृद्धि 13 फीसदी होती थी। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान पंजाब में शून्य विकास हुआ है । जब दो सालों के बाद केंद्र ने जीएसटी मुआवजा देना बंद कर दिया तो फिर क्या होगा।

पूर्व वित्तमंत्री ने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ को सुझाव दिया कि वो पहले अपनी सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे तथा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से पूछे कि उनकी सरकार राजस्व वसूली में इतना बुरा प्रदर्शन क्यों कर रही है। उन्हें अपनी सरकार पर फुजूलखर्ची घटाने तथा हालात के अनुसार प्राथमिकताओं के आधार पर वित्तीय नियोजन करने के लिए दवाब डालना चाहिए।

उन्होंने कहा कि टैक्स वसूलने में आई गिरावट के कारण विकास कार्य पूरी तरह रूक गए हैं तथा प्रशासन पर भी इसका सीधा असर दिखाई दे रहा है। कांग्रेस सरकार को अपनी विफलताओं के लिए किसी अन्य पर दोषारोपण नहीं करना चाहिये तथा अपने बिखराव को समेटना चाहिए।

शर्मा

वार्ता

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