राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Nov 30 2019 6:23PM कांग्रेस का हरियाणा सरकार पर 6476 करोड़ रूपये के अवैध खनन घोटाले का आरोप
चंडीगढ़, 30 नवम्बर(वार्ता) कांग्रेस ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक(कैग) की रिपोर्ट के हवाले से हरियाणा की पिछली भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) सरकार के शासन में राज्य में 6476.21 करोड़ रूपये के अधिक के अवैध खनन घोटाले का आरोप लगाते हुये इस समूचे मामले की पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य कुमारी सैलजा और पार्टी के मीडिया प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आज यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राज्य की 95 खादानों के लिये जो लाईसेंस दिये गये हैं उनके ठेकेदारों ने नियमों का उल्लंघन करते हुये निर्धारित क्षेत्र से दुगुने से भी ज्यादा क्षेत्र में अवैध रूप से खनन किया। इन्होंने खनन के लिये नदियों का रास्ता तक मोड़ दिया जिससे तटबंधों और पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा। जितना खनन किया चाहिये था उससे कहीं ज्यादा माल वहां से निकाल लिया गया। इन्होंने कहा कि ठेकेदारों द्वारा दुगुने से ज्यादा क्षेत्र में खनन किये जाने से राज्य के खजाने को लगभग पांच करोड़ रूपये के राजस्व का चूना लगा है।
कांग्रेस नेताओं ने रिपोर्ट के हवाले से कहा कि पिछली भाजपा सरकार 31 मार्च 2018 तक किस्त और मूल राशि के रूप में 1476.21 करोड़ रूपये की बकाया राशि तक नहीं वसूल पाई। इनमें 69 खनन ठेकेदारों की किस्त और ब्याज के रूप में 1155.84 करोड़ रूपये तथा खान एवं खनिज पुनर्वास कोष का 66.74 करोड़ रूपये भी शामिल हैं। ऐसे में अवैध खनन के पांच करोड़ रूपये से ज्यादा के घोटाले को मिला कर राज्य के खजाने को कुल मिला कर 6476.21 करोड़ रूपये की चपत लगी। सरकार ठेकेदारों पर इतनी मेहरबान रही कि उसने इनमें से अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं की।
उन्होंने कहा कि कैग ने यह भी सवाल उठाया है कि सरकार ने सभी 95 खादानों को खनन के लिये ठेकेदारों को तो दे दिया लेकिन इस बात का आंकलन करना जरूरी नहीं समझा कि इनमें कितनी मात्रा में खनन किया जा सकता है। सरकार के पास निकाले गये खनिज का वजन और इसकी ढुलाई तक भी कोई रिकार्ड नहीं है।
सुश्री सैलजा और श्री सुरजेवाला ने राज्य सरकार से मांग की वह समस्त खनन प्रकरण की पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जांच कराए ताकि पूरे मामले में दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। इन्होंने कहा कि सरकार अगर जांच के आदेश नहीं देती है तो पार्टी वह इस मामले को जनता के बीच लेकर जाएगी तथा सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगी और अदालत में जाने के विकल्प से भी गुरेज नहीं करेगी।
रमेश1525वार्ता