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मानव अधिकार दिवस पर 10 दिसंबर को वाम दल करेंगे प्रदर्शन

जालंधर, 06 दिसंबर (वार्ता ) वामदल आरएमपीआई., सी.पी.आई., सी.पी.आई.(एम.एल.) लिबरेशन और एम.सी.पी.आई.(यू) ने शुक्रवार को एलान किया कि राष्ट्रीय नागरिकता (संशोधन) बिल के विरोध में मानव अधिकार दिवस के अवसर पर दस दिसंबर को राज्य में अर्थियां जलाकर प्रदर्शन किया जाएगा।
साम्यवादी नेताओं मंगत राम पासला, प्रगट सिंह जामाराए (आर.एम.पी.आई), बंत सिंह बराड़, प्रिथिपाल सिंह माड़ीमेघा (सी.पी.आई.), गुरमीत सिंह बखतपुर, राजविन्दर राणा (सी.पी.आई.(एम.एल.) लिबरेशन और किरनजीत सिंह सेखों, मंगत राम लोंगोवाल (एम.सी.पी.आई. (यू)) ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि केन्द्र सरकार, नागरिकता (संशोधन) बिल पारित कर देश के संविधान की बुनियादी स्थापना और धर्म निष्पक्ष ढांचे को ही मूल रूप में बदलना चाहती है, जिसमें देश की नागरिकता परखने का आधार 'धर्म' को बनाया गया है। इसके साथ सांप्रदायिक सद्भावना और आपसी भाईचारा पूरी तरह से बिखर जायेगा और समाज का सांप्रदायिक रास्ते पर ध्रुवीकरण होना तय है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने पहले ही जम्मू-कश्मीर प्रांत में धारा 370 और 35ए को खत्म कर और प्रांत को दो केंद्रीय शासित राज्यों में तब्दील कर तीन महीनों से जम्मू-कश्मीर को खुली जेल बना कर मोदी सरकार ने मानवीय अधिकारों का हनन किया है।
उन्होंने कहा कि समूचे देश में महिलाओं के साथ हो रही बलात्कार की घटनाओं ने मानवता को ज़ख़्मी कर दिया है। वामदलों ने माँग की है कि केंद्र की भाजपा सरकार और प्रांतीय सरकारें इस अमानवीय कृत्य को रोकने के लिए तुरंत प्रभावशाली कदम उठाएं और बलात्कारियों को सख़्त सजा देकर औरतों के मान-सम्मान की सुरक्षा सुनिश्चित करे। ठाकुर.श्रवण
वार्ता
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