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स्थगन प्रस्ताव स्वीकार न किये जाने पर कांग्रेस का सदन से बहिर्गमन

तपोवन,(धर्मशाला), 10 दिसम्बर (वार्ता) हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी कांग्रेस ने उसका स्थगन प्रस्ताव स्वीकार किये जाने पर सदन में हंगामा कर दिया और बाद में बहर्गमन किया।
कांग्रेस ने बैठक की शुरूआत होते ही मंहगाई और निवेशक सम्मेलन मुद्दों को लेकर नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की लेकिन विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने कहा कि नियमों के दायरे में आने के कारण इसे गत दिवस ही खारिज कर दिया गया है लेकिन सदन के अन्य सदस्यों की मांग पर इसे चर्चा के लिये पुन: लगाया गया है। इसके बाद कांग्रेस के नेता मुकेश अग्निहोत्री और विधायक हर्षबर्धन चौहान ने प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग की। सदन में इस दौरान भाजपा विधायक राकेश पठानिया और श्री अग्निहोत्री में तीखी नोंकझोंक हो गई। कांग्रेस सदस्य इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ नारे लगाते हुए उनके आसन के समक्ष आ गये। कांग्रेस सदस्यों श्री बिंदल पर प्रस्ताव बदलने तथा साथ ही पच्छाद उपचुनाव में प्रचार करने का आरोप लगाया। विपक्ष ने प्याज की आसमान छूती कीमतों को लेकर भी नारेबाजी की और सदन में प्याज की मालाएं और पोस्टर लहराए। इस बीच अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू कर दिया और सदन में हंगामे के बीच कार्यवाही जारी रही।

इस पर श्री बिंदल ने कहा कि विपक्ष का व्यवहार अनुचित है। बिंदल बोले प्याज जैसी सामग्री सदन के भीतर लाना अनुचित है। इसके विरोध में विपक्ष ने उक्त दोनों मामलों को लेकर सदन से बहिर्गमन कर दिया। वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने तलख तेवर दिखाते हुए कहा कि हिमाचल को देवभूमि रहने दो। यहां के लोगों को शांति से जीने दो। निवेशक सम्मेलन से यहां उद्योग और अन्य गतिविधियां शुरू होंगी और लोगों को रोजगार मिलेगा तथा इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं है। उन्होंने विपक्ष ने प्याज की मालाएं पहनकर आने और पोस्टर लहराने पर विरोध जताया और उसके इस रवैये की निंदा की। श्री ठाकुर ने कहा विपक्ष ने सदन की गरिमा को चोट पहुंचाई है। उन्होंने श्री अग्निहोत्री पर भी निशाना साधते हुये कहा कि हर बात पर सीट से उठने से कोई बड़ा नहीं हो जाता। उन्होंने विपक्ष के नेता को सीट बेल्ट बांध कर आने की नसीहत दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर चुनाव में हारी का मुंह देखने वाली कांग्रेस के पास अनुभवी नेताओं की कमी है। उन्होंने सदन में सामान लेकर आनाे को नियमों का उल्लंघन बताया और विधानसभा अध्यक्ष से इसे गंभीरता से लेने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष को न समझ और न ही शर्म है। विपक्ष के नेता को अपनी भूमिका निभानी आनी चाहिए।
सं.रमेश2020वार्ता
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