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“आर्थिक मुद्दों को दबाने, फिरकापरस्ती को बढ़ावा देने के लिए हुकूमत की साजिश है सीएए-एनआरसी“

बठिंडा, 30 दिसंबर (वार्ता) लोक मोचा, पंजाब के राज्य समिति सदस्य सुखविंदर सिंह ने आज आराेप लगाया कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) मंदी, बेरोजगारी, मजदूरों-किसानों की दुर्दशा जैसे आर्थिक मुद्दों को दबाने के लिए हुकूमत की साजिश है।
वह यहां निकाले गये रोष मार्च में बोल रहे थे। मार्च को संबोधित करते हुए मोर्चे के प्रांतीय संगठनात्मक सचिव जगमेल सिंह ने कहा कि मंदी बेहद खतरनाक है, जिसे रोकना अति जरूरी है। राज्य समिति मेंबर शीरी ने कहा कि इस मंदी से अमीरी गरीबी का अंतर और भी बड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी ने पिछले 45 सालों का रिकार्ड तोड़ दिया है व कर्ज से तंग आ कर मजदूर खुदकुशी कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि गलत नीतियों के कारण किसानों को मिलने वाली सब्सिडियों व अन्य सहूलियतों का लाभ भी कारपोरेट जगत हो रहा है।
संगठन ने मांग की कि सरकारी खजाना जनता के लिए इस्तेमाल किया जाए, टैक्स बड़े व्यापारियों पर लगाए जाएं, किसानों व मजदूरों को कम ब्याज पर बैंकों से लोन मुहैया करवाया जाए, निजीकरण को रोका जाए, ठेका व नौकरी रेगुलर करवाया जाए, प्री व पोस्ट मैट्रिक स्कीम सही तरीके से लागू की जाए।
श्री सिंह ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर को बेवजह जारी करने करने का उद्देश्य देश में फिरकापरस्ती बढ़ाना है और यह देश पर राज करने वाली हकूमतो की साजिश है कि सांप्रदायिक उभार पैदा कर आर्थिक मुद्दों को दबाया जाए।
शहर के मुख्य बाजार में तीन घंटे चले इस प्रदर्शन में शामिल किसानों, मजदूरों, अध्यापकों, युवाओं व छात्रों ने तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।
सं महेश
वार्ता
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