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सीएए नागरिकता छीनने वाला नहीं, देने वाला कानून: खट्टर

सीएए नागरिकता छीनने वाला नहीं, देने वाला कानून: खट्टर

चंडीगढ़, 03 दिसम्बर(वार्ता) हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नागरिकता संशोधन अधिनियम(सीएए) को नागरिकता छीनने वाला नहीं बल्कि देने वाला कानून बताते हुये कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर सीएए, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर(एनपीआर) को लेकर लोगों को गुमराह और देश में अराजकता फैलाने और सार्वजनिक सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने का आराेप लगाया है।

श्री खट्टर ने आज यहां मंत्रिमंडल की बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र सरकार ने सीएए के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंगलादेश से आये पीड़ित हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अल्पसंख्यकाें को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने हालांकि कहा कि इसमें मुस्लिमों को इसलिये नहीं शामिल किया गया है क्योंकि मुस्लिम इन देशों में उत्पीड़न के शिकार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 1950 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली खान के बीच समझौता हुआ था जिसमें दोनों देशों को अपने यहां अल्पसंख्यकों को सभी हक हकूक देने की बात कही गई थी। पाकिस्तान में उस समय लगभग 23 प्रतिशत अल्पसंख्यक थे जिनकी अब संख्या घट कर मात्र 3.7 प्रतिशत रह गई है। इसी तरह बंगला देश में भी इनकी आबादी 22 प्रतिशत से घट कर 7.8 प्रतिशत रह गई है जिससे साफ है इन देशों में अल्पसंख्यकों का या तो जबरन धर्म परिवर्तन कर दिया गया या फिर वे उत्पीड़न के कारण वहां से पलायन कर गये। लेकिन इसके विपरीत भारत ने इस समझौते का अक्षरश: पालन करते हुये अपने यहां अल्पसंख्यकों को पूरा संरक्षण दिया गया और इनकी जनसंख्या कई गुणा बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि ऐसा भी नहीं है कि भारत में दूसरे देशों से आये मुस्लिमों को नागरिकता प्रदान नहीं की गई है। इस सम्बंध में उन्होंने कहा कि लगभग 550 ऐसे मुस्लिम जो में कम से कम 12 वर्षों से देश में रह रहे थे उन्हें वर्ष 2014 से लेकर 2019 तक नागरिकता प्रदान की गई है। इसी तरह केंद्र सरकार ने उक्त तीन देशों से आये और भारत में कम से पांच वर्षों से रह रहे अल्पसंख्यकों को सीएए के माध्यम से नागरिकता प्रदान करने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में लगभग 1500 ऐसे परिवारों ने नागरिकता के लिये आवेदन किया है। इनमें एक मुस्लिम परिवार भी शामिल है।

श्री खट्टर के अनुसार सीएए और एनआरसी मुद्दे केंद्र में कांग्रेस शासनकाल में उसके नेताओं ने भी उठाये थे लेकिन वोट बैंक की राजनीति के कारण लागू नहीं हो सके जबकि मौजूदा केंद्र सरकार ने इन्हें लागू करने का साहस दिखाया है। उन्होंने कहा कि पिछला एनपीआर वर्ष 2010 में अपडेट हुआ था और दस वर्ष बाद इसे पुन: अपडेट किया जाएगा तथा यह प्रक्रिया एक वर्ष तक चलेगी। उन्होंने कहा कि सीएए पूर्वोत्तर के राज्यों को छोड़ कर देश के अन्य सभी राज्यों में लागू होगा तथा इसके कोई भी राज्य सरकार इसे लागू करने से इनकार नहीं कर सकती क्योंकि यह संसद में पारित किया गया कानून है जिसे राष्ट्रपति की संस्तुति हासिल है।

उन्होंने एनपीआर का समर्थन करते हुये कहा कि यह देश को कोई धर्मशाला नहीं है कि कोई भी कहीं से कभी यहां आकर बस जाये। हर देश का अपना नागरिक रजिस्टर है और भारत का भी होना चाहिये। उन्होंने कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों को नसीहत दी कि सीएए के खिलाफ होहल्ला करने के वजाय उन्हें उन देशों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिये जहां से अल्पसंख्यकों को उत्पीड़न के चलते भारत में शरण लेने पर मजबूर होना पड़ा है।

रमेश1750वार्ता

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