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हरियाणा. मंत्रिमंडल फैसले दो अंतिम चंडीगढ़

मंत्रिमंडल ने राज्य में तेजाब पीड़ित महिलाओं और लड़कियों को वित्तीय सहायता योजना में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई। मौजूदा योजना के तहत दो मई, 2011 को या उसके बाद तेजाब हमलों में पीड़ित ऐसी किसी भी महिला या लड़की जोकि घटना की तिथि से कम से कम तीन वर्ष पहले से राज्य में रह रही हो, उसे ही वित्तीय सहायता दी जाती है। अब योजना में संशोधन के बाद राज्य में रहने वाली ऐसी कोई भी तेजाब पीड़िता महिला या लड़की इस योजना के तहत वित्तीय लाभ के लिए पात्र होगी जो उन्हें आवेदन करने की तिथि से लागू होगी।
बैठक में हरियाणा फिल्म प्रकोष्ठ का नाम बदलकर हरियाणा फिल्म प्रोत्साहन बोर्ड करने तथा इस सम्बंध में गठित उच्चाधिकार कमेटी का नाम संचानल परिषद होगा। मुख्यमंत्री ने राज्य में हरियाणवी और गैर-हरियाणवी सिनेमा के विकास और फिल्म निर्माण के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए सितम्बर 2016 में हरियाणा फिल्म नीति की घोषणा की थी जिसका उद्देश्य राज्य में फिल्म उद्योग का विकास करना और सिनेमा के विकास के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराना है।
मंत्रिमंडल ने नागरिक संसाधन सूचना विभाग के सृजन को भी स्वीकृति प्रदान की जो राज्य सरकार की योजनाओं के कार्यान्वयन और डिजिटल साधनों के माध्यम से सरकारी सेवाओं की प्रदायगी के लिए सांझा डेटाबेस सृजित करने हेतु परिवार पहचान पत्र पर बल देने पर काम करेगा। नया विभाग परिवार पहचान पत्र, सरकार से नागरिकों को सेवाओं की प्रदायगी हेतु भू-सूचना विज्ञान सहित सूचना विज्ञान और सूचना अवसंरचना के इस्तेमाल से सांझा डेटाबेस के रूप में नागरिक संसाधन सूची विकसित करने, विभागों में सांझा डेटाबेस को प्रोत्साहित करने और विकसित करने से संबंधित विषयों के लिए काम करेगा। यह विभाग सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन और सरकारी सेवाओं की प्रदायगी के लिए सरकार-नागरिक जुड़ाव के लिए ई-शासन से सम्बंधित सभी कार्य भी करेगा तथा डिजिटल टेक्नॉलोजी का इस्तेमाल करके राज्य के नागरिकों को सरकारी सेवाओं और योजनाओं की दक्ष और प्रभावी प्रदायगी सुनिश्चित करेगा।
मंत्रिमंडल ने नौकरी के दौरान मृत्यु को प्राप्त या लापता हुए सरकारी कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों के लिए हरियाणा सिविल सेवाएं (अनुकंपा वित्तीय सहायता या अनुकंपा नियुक्ति) नियम, 2019 के नाम से नई एक्स-ग्रेशिया योजना को भी मंजूरी प्रदान की जो एक अगस्त, 2019 से लागू होगी। योजना के तहत अनुकम्पा आधार पर नियुक्ति तभी दी जाएगी बशर्ते कि मृतक कर्मचारी की आयु 52 वर्ष से अधिक न हो या उसने न्यूनतम पांच साल की नियमित सेवा पूरी कर ली हो। अनुकंपा नियुक्ति मृतक कर्मचारी के अंतिम वेतनमान से कम वेतनमान वाले ग्रुप-सी या डी पद पर ही दी जाएगी।
योजना में मृतक सरकारी कर्मचारी के परिवार हेतु अनुग्रह राशि 25,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये की गई है तो गत लगभग 30 वर्षों से संशोधित नहीं की गई थी। योजना में मकान किराया भत्ता या सरकारी आवास की अनुमति एक वर्ष के बजाय दो वर्ष की गई है। अन्य लाभ अर्थात 10+2 तक बाल शिक्षा भत्ता, स्नातक तक की ट्यूशन फीस और निर्धारित चिकित्सा भत्ता अपरिवर्तित रहेंगे। इसी तरह लापता सरकारी कर्मचारी का परिवार अब प्राथमिकी दर्ज होने की तिथि से केवल छह महीने बाद अनुकम्पा वित्तीय सहायता का लाभ पाने का हकदार होगा।
रमेश1950वार्ता
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