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किसान आय वृद्धि के लिए अपनायें बागवानी : दलाल

किसान आय वृद्धि के लिए अपनायें बागवानी : दलाल

सिरसा, 06 जनवरी(वार्ता) किसान गेहूं, धान, कपास जैसी परंपरागत खेती से न तो अधिक उत्पादन ले सकता है और न ही अधिक मूल्य लिया जा सकता है। इसके साथ-साथ आधुनिक खेती, बागवानी व अन्य खेती से जुड़े व्यवसाय को अपनाकर अपने आय में बढोत्तरी कर सकता है।

प्रदेश सरकार इस दिशा में किसानों को प्रेरित करने के लिए अनेकों योजनाएं लागू कर रही है, ताकि किसान की आय दोगुनी होने के लक्ष्य को निर्धारित समय से पहले पूरा किया जा सके। यह बात कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने सोमवार को जिला बागवानी कार्यालय में आधुनिक गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला का उद्घाटन करने के दौरान पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही ।

उन्होंने प्रयोगशाला में उपलब्ध सभी सुविधाओं व व्यवस्थाओं का बारिकी से निरक्षण किया तथा अधिकारियों से जानकारी ली। इस अवसर पर पूर्व विधायक मक्खन लाल सिंगला, भाजपा के वरिष्ठ नेता जगदीश चौपड़ा,भाजपा नेत्री रेणू शर्मा, एसडीएम जयवीर यादव, मिशन निदेशक हरियाणा राज्य बागवानी विकास मिशन डा. बी.एस सहरावत, जेडीएस डा. धर्म सिंह यादव, सहित किसान व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

श्री दलाल ने कहा कि पशुपालन, मच्छली पालन आदि व्यवसाय को भी अपनाकर किसान आर्थिक रूप से सुदृढ हो सकता है। प्रदेश सरकार किसानों को बागवानी की ओर प्रेरित करने के लिये अनेकों योजनाएं क्रियान्वित कर रही है। इसी कड़ी में यह आधुनिक गुणवता नियंत्रण प्रयोगशाला किसानों के लिए नये साल के तोहफे के रूप में समर्पित की गई है। राज्य के किसान इस प्रयोगशाला से लाभान्वित होंगे।

उन्होंने कहा कि अधिक फर्टिलाइजर व पेस्टिसाइड के होने से अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में हमारे प्रोडेक्ट स्वीकृत नहीं हो पाते हैं। प्रयोगशाला में किसान अपने फल व सब्जियों के उक्त कंटेंट को कम करके अपने प्रोडेक्ट की अच्छा मूल्य प्राप्त कर सकेंगे। सिरसा में फलों की खेती के मद्देनजर प्रोसेसिंग प्लांट की दरकार है जिसे राज्य सरकार या फिर किसी नीजि एजेंसी से मिलकर पूरा किया जाएगा।

श्री दलाल ने बताया कि हमारे यहां फसलों में बहुत अधिक फर्टिलाईजर, पैस्टिसाइड आदि कीटनाशक दवाओं का प्रयोग हो रहा है, जो भूमि की उर्वरा शक्ति को तो खत्म करता ही है साथ में कैंसर जैसी भयानक बीमारियां बढ़ रही हैं । इसलिए किसान भाईयों को प्राकृतिक खेती की ओर प्रेरित करने के लिए प्रदेश सरकार अनेक कदम उठा रही है। इसी कड़ी में विभाग में अलग से प्राकृतिक खेती विंग बनाई गई है, जो पदमश्री पारलेकर की विधि पर काम करते हुए किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करेगी।

कृषि मंत्री ने बताया कि इसके लिए प्रत्येक गांव से एक किसान को प्राकृतिक खेती के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जो आगे वो अन्य किसानों को इसके लिए प्रशिक्षण देगा।

डा.बीएस सहरावत ने बताया कि यह प्रयोगशाला राज्य की दूसरी गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला है। प्रयोगशाला का उद्देश्य फल व सब्जियों के नमूने में कीटनाशक अवशेषों की उपलब्धता की जांच, कीटनाश अवशेषों की मोनटरिंग के साथ-साथ किसानों को कीटनाशक दवाओं का समुचित उपयोग व प्रबंधन के लिए जागरूक करना है। इस प्रयोगशला का राज्य के किसानों को लाभ होगा और किसानों को उनके फल व सब्जियों में प्रयोग किए जा रहे फर्टिलाइजर व पेस्टिसाइड के मात्रा का पता चलेगा।

सं शर्मा

वार्ता

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