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अब घरेलू शौचालयों के लिये पंचायतों के माध्यम से मिलेगी सहायता

अब घरेलू शौचालयों के लिये पंचायतों के माध्यम से मिलेगी सहायता

चंडीगढ़, 06 जनवरी(वार्ता) हरियाणा में पंचायतीराज संस्थाओं को और अधिक वित्तीय अधिकार प्रदान कर उन्हें सशक्त करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने एक अप्रैल से घरेलू/व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता की अदायगी पंचायत समितियों के माध्यम से करने का ऐलान किया है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में आज यहां हुई स्वच्छ भारत मिशन और राज्य स्तरीय कार्य बल की एक बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी उपस्थित थे। इस योजना के तहत लोगों को अपने घरों में शौचालयों के निर्माण हेतु 12,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सम्बन्धित अधिकारियों को विशेष रूप से ऐसे शहरों, जहां दुधारू पशुओं की डेयरियां हैं, उनमें गोबर प्रबंधन के लिए एक व्यापक योजना तैयार करने के निर्देश दिए ताकि सीवरेज में रुकावट उत्पन्न न हो। उन्होंने निर्देश दिए कि इस सम्बन्ध में जब तक योजना तैयार नहीं हो जाती, तब तक वाहनों का इस्तेमाल कर डेयरियों से गोबर एकत्रित किया जाए और उसका उचित रूप से निपटान किया जाए। मुख्यमंत्री ने उन्हें गोबर से बायोगैस उत्पन्न करने की सम्भावनाओं का पता लगाने के भी निर्देश दिए।

व्यर्थ पानी का समुचित उपयोग करने पर विशेष बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सीवरेज उपचार संयंत्रों के माध्यम से शोधित पानी का इस्तेमाल सिंचाई के लिए किया जाना चाहिए। इसी प्रकार, तीन-तालाब प्रणाली और पांच-तालाब प्रणाली के माध्यम से शोधित अतिरिक्त पानी का इस्तेमाल भी सिंचाई के लिए किया जाना चाहिए, जिसके लिए सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को योजनाएं तैयार करने के लिए कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर सीवरेज सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार की महाग्राम योजना के तहत 10,000 से अधिक की आबादी वाले गांवों में भी सीवरेज उपचार संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं।

श्री खट्टर ने कहा कि करनाल में रात में सफाई करने के प्रयोग के उत्साहवर्धक परिणाम रहे हैं और इस व्यवस्था को अन्य शहरों में भी अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने इस उद्देश्य के लिए लघु मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों की खरीद के निर्देश दिए।

बैठक में बताया गया कि राज्य में अब तक 1,359 ठोस कचरा प्रबंधन परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनमें से 722 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और 172 परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा 152 ग्राम पंचायतों के 22 क्लस्टर्स का भी चयन किया गया है जिन्हें 11.68 करोड़ रुपये वार्षिक की अनुमानित लागत से पूर्ण रूप से ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 अनुरूप बनाया जाएगा। राज्य में अब तक 1,323 तरल कचरा प्रबंधन परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं और इस सम्बन्ध में 555 ग्राम पंचायतों में कार्य पूरा हो चुका है, जबकि 412 ग्राम पंचायतों में कार्य प्रगति पर है।

बैठक में पानीपत (ग्रामीण) के विधायक एवं राज्य कार्य बल के अध्यक्ष महीपाल ढांडा, फरीदाबाद के विधायक नरेंद्र गुप्ता, मुख्यमंत्री के राजनैतिक सचिव कृष्ण कुमार बेदी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव सुधीर राजपाल और राज्य कार्य बल के सरकारी एवं गैर-सरकारी सदस्य उपस्थित थे।

रमेश1915वार्ता

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