राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Jan 7 2020 6:12PM अजा-अजजा के लिये आरक्षण 10 वर्ष तक आगे बढ़ाने सम्बंधी विधेयक पारितशिमला, 07 जनवरी (वार्ता) हिमाचल प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जातियों के लिये आरक्षण दस वर्ष आगे बढ़ाने सम्बंधी संशोधन विधेयक आज यहां राज्य विधानसभा में सत्ता और विपक्ष की चर्चा के बाद पारित कर दिया गया। विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा ने विशेष सत्र के दौरान यह विधेयक सदन में प्रस्तुत किया जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। विधेयक के पारित होने के बाद राज्य में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों के लिये आरक्षण लाभ दस वर्ष और बढ़ाया गया है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार संसद में पहले ही इसे मंजूरी प्रदान कर चुकी है ऐसे में राज्यों को भी औपचारिकतावश अपने यहां इसे पारित करना अनिवार्य है। विधेयक पर चर्चा के जबाव में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि आरक्षण बढ़ाने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष हालांकि एकमत था लेकिन इस पर वेवजह ही राजनीतिक बहसबाजी हुई जो सही नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि सब कुछ कांग्रेस ने किया तो पाकिस्तान भी कांग्रेस ने ही बनाया, यह भी स्वीकार करना चाहिये। डॉ आम्बेडकर को 45 साल बाद भारत रत्न देने का काम किया तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल ने किया। बिल पर चर्चा के लिए सत्ता पक्ष को कोई आपत्ति नहीं थी । कोई भले ही इसका श्रेय लेने का प्रयास करे लेकिन जनता सब कुछ जानती है। उन्होंने विपक्ष को नसीहत दी कि जितनी गम्भीरता से विधेयक पर चर्चा हुई उतनी गम्भीरता वे अपने क्षेत्र में भी दिखाएं तो बेहतर होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब जातिप्रथा के बंधनों से मुक्त होने और छुआछूत की मानसिकता को बदलने की जरूरत है। कानून और योजनाओं से ही नहीं बल्कि इसे अपने जीवन में अपना कर जातिप्रथा को खत्म किया जा सकता है। हिमाचल में अनुसूचित जाति 25 फीसदी है जिनके लिए आरक्षण 11 फीसदी से बढ़ाकर बजट 25 फीसदी किया गया है। आजादी के 70 साल बाद आरक्षण की जरूरत नहीं होनी चाहिए थी लेकिन ऐसी परिस्थितियां बन ही नहीं पाईं। मुख्यमंत्री के राज्यपाल के अभिभाषण प्रस्ताव पर चर्चा के जबाव के बाद सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इससे पहले चर्चा में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, कृषि मंत्री राम लाल मार्कण्डेय, ठियोग के विधायक राकेश सिंघा, भाजपा विधायक राकेश पठानियां और बलवीर सिंह, कांग्रेस विधायक राम लाल ठाकुर, धनी राम शांडिल, जगत सिंह नेगी, आशा कुमारी ने अपने अपने विचार रखे और विधेयक का समर्थन किया।सं.रमेश1811वार्ता