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राष्ट्रीय. एनजीटी-कचरा निस्तारण दो अंतिम गुरूग्राम

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा घग्गर नदी एवं ठोस कचरा प्रबंधन के लिए गठित कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) प्रीतमपाल सिंह ने रोहतक और परवाणु में कचरा प्रबंधन के लिए किए गए कार्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण का कार्य केवल सरकारी स्तर पर ही नहीं बल्कि बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को इसमें भागीदार बनाते हुए एक जनांदोलन बनाना होगा।
दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एस.पी. गर्ग ने कहा कि इस कार्यक्रम के आयोजन का सबसे बड़ा उद्देश्य प्रदूषण नियंत्रण एवं कचरा प्रबंधन है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए विधि द्वारा स्थापित एक ऐसी संस्था की जरूरत है जिसका प्रदूषण फैलाने वालों में एक भय हो। उन्होंने कहा कि एनजीटी ने दिल्ली में 1200 जल स्रोतों के नवीनीकरण का निर्णय लिया है। इनमें से कई पर अतिक्रमण हो चुका था और काफी तालाब प्रदूषित पड़े थे। दिल्ली जल बोर्ड ने सबसे पहले 155 तालाबों के नवीनीकरण का प्रस्ताव तैयार किया है। आईआईटी दिल्ली को इसमें कंसलटेंसी एजेंसी नियुक्त किया है। बड़ी खुशी की बात है कि इनमे से 91 जल स्रोतों को रिवाईज कर दिया है और 95 अन्य जलस्रोतों को सितम्बर तक रिवाईज कर देंगे। इनके अलावा स्कूल-कालेजों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम शुरू कराने और शोधित जल को बागवानी में प्रयोग करने जैसे कुछ नए कदम उठाए गए हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष सी. पी. एस. परिहार ने कहा कि हम सभी को पर्यावरण संबंधी विषयों को समझते हुए इस दिशा में एकजुट होकर प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को एक साथ लेकर चलना होगा। उन्होंने कहा कि रिसायकिल और रियूज की दिशा में आगे बढ़ते हुए हमें कचरे का प्रबंधन करना चाहिए। हमें कचरे से राजस्व की तरफ ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि इससे आमदनी के साधन जुटाए जा सकें। उन्होंने कहा कि पर्यावरण सम्बंधी विषय में अधिकाधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जानी अत्यंत आवश्यक है ताकि इसे जन आंदोलन बनाया जा सके।
हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा वेस्ट वाटर का इस्तेमाल करने को लेकर नीति भी बनाई गई है जिसके तहत वर्ष-2030 तक 80 प्रतिशत वेस्ट वाटर का इस्तेमाल करने की योजना बनाई गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में शहरी स्थानीय निकाय द्वारा 146 एसटीपी के माध्यम से 1500 एमएलडी पानी शोधित किया जा रहा है जिसकी आपूर्ति प्रदेश के 200 घरों में की जा रही है। इसके अलावा, जल शक्ति अभियान के तहत भूमिगत जल को रिचार्ज करने में आज हरियाणा पहले स्थान पर है। प्रदेश में वेस्ट वाॅटर मैनेजमँट कमेटी का भी गठन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 92 प्रतिशत वार्डों में 100 प्रतिशत कचरे का डोर टू डोर कलेक्शन किया जा रहा है। इनमे से 60 प्रतिशत वार्डों में सोर्स सैगरीगेशन किया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश के 22 जिलों में 662 सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट और 477 लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट प्रौजेक्ट पूरे हो चुके हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए किए जाने वाले स्वच्छ ग्रामीण सर्वेक्षण 2018-19 में हरियाणा ने देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है।
सम्मेलन में पर्यावरण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरा खंडेलवाल ने कहा कि हमें प्रदूषण का नहीं बल्कि समाधान का हिस्सा बनना है। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में हरियाणा,दिल्ली और उत्तर प्रदेश के विभिन्न विभागों शहरी स्थानीय निकाय, सिंचाई विभाग, जनस्वास्थ्य अभियंत्रिकी, प्रदूषण नियंत्रण और नगर निगम अधिकारियों द्वारा वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर बेस्ट प्रैक्टिसिज और अनुभवों को सांझा किया जा रहा है ताकि उन्हें ध्यान में रखते हुए भविष्य में परफेक्ट इन्वायमेंट सोल्यूशन निकाले जा सके।
दो दिवसीय सम्मेलन में नीति बनाने वालों से लेकर उसे लागू करने वाले दिल्ली, हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश के अधिकारी और हितधारकों ने भाग लिया। एनजीटी की कई कमेटियों के सदस्य भी इसमें शामिल हुए।
रमेश1931वार्ता
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