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बीसीएल अपनी यूनिट के लिये खरीद करेगा मक्की की : एमडी राजिन्दर मित्तल

बठिंडा, 21 जनवरी (वार्ता) बीसीएल इंडस्ट्री लिमिटेड के एमडी राजिंदर मित्तल ने कहा है कि बीसीएल इंडस्ट्री लि0 को प्रति दिन अपने इथनौल यूनिट के लिए मक्की की ज़रूरत रहती है जो महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार से मक्की मंगवाई जाती है और ट्रांसपोर्ट पर बड़ा खर्चा पड़ता है। इसलिये अब पंजाब के किसानों की मक्का बीसीएल उचित दामों पर खरीदेगा ।
उन्होंने आज यहां कहा कि यदि बठिंडा और इसके आसपास के इलाकों के किसान मक्की की पैदावर करते हैं तो वे सही दाम पर खरीदा जाएगा। श्री मित्तल बीसीएल की ओर से कृषि किसान भलाई विभाग बठिंडा के सहयोग से किसानों को मक्की की काश्त के साथ जोड़ने विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे । इस मौके जिले भर के अलग अलग ब्लाकों से बड़ी संख्या में किसान पहुंचे हुए थे।
उन्होंने इथनौल के बढ़ते महत्व की भी जानकारी दी। उन्होंने अपने इथनौल यूनिट का हवाला देते हुए किसानों को मक्की की फसल अधिक से अधिक उगाने की अपील की ।कार्यक्रम में मुख्य मेहमान के तौर पर शामिल हुए कृषि विभाग के ज़िला मुख्य कृषि अफ़सर डा गुरादित्ता सिंह सिद्धू ने बताया कि यदि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को कृषि के साथ जोड़े रखना चाहते हैं तो हमें मक्की जैसी फसलें उगानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब हम खुद बिना बीमार हुए दवाई नहीं लेते तो बेवजह फसलों पर छिड़काव क्यों करते हैं । पेस्टीसाइड का अनावश्यक छिड़काव हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल रहा है तथा प्रकृति को दूषित कर रहा है ।
उन्होंने कहा कि कृषि विकास में बठिंडा के किसानों का बड़ा योगदान हैं। इस मौके कृषि सूचना अफ़सर डा. गुरतेज़ सिंह बराड़ ने कृषि सुधार कार्यक्रमों की जानकारी देते हुये बताया कि मक्की केवल अनाज ही नहीं बल्कि इससे 3000 किस्म के अन्य उत्पाद बनते हैं जिसमें पोल्ट्री, एनीमल व इंस्ट्रीयल प्रोडक्ट भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मक्की की काश्त से 70 प्रतिशत तक पानी व 72 प्रतिशत तक बिजली की बचत होती हैं।
सं शर्मा
वार्ता
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