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प्रस्तावित अंतरराज्यीय नदी जल विवाद एक्ट में संशोधन की मांग

चंडीगढ़, 23 जनवरी(वार्ता) पंजाब में तेजी से गिरते भूजल ,जलस्रोतों और शेष पानी को प्रदूषित होने से बचाने के अहम मुद्दे पर सभी पार्टियों ने सर्वसम्मति से पंजाब के नदी जल को बेसिन से नान बेसिन इलाकों में ट्रांसफर होने से बचाने की केन्द्र से मांग की है ।
आज यहां बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पानी की गंभीर स्थिति पर चिंता जताते हुये राज्य के पानी की उपलब्धता का पुनर्मुल्यांकन करने की माँग की । सभी दलों ने नये ट्रिब्यूनल की स्थापना के लिए प्रस्तावित अंतरराज्यीय नदी जल विवाद एक्ट में ज़रूरी संशोधन की माँग की ताकि पंजाब को इसकी कुल माँग और भावी पीढिय़ों की आजीविका को सुरक्षित करने के लिए अतिरिक्त पानी मुहैया करवाया जा सके।
बैठक में पढ़े गए प्रस्ताव के मुताबिक पंजाब के पास अतिरिक्त पानी नहीं है और भूजल का स्तर तेज़ी से घटने और दरियायी पानी की कमी के कारण पंजाब के मरूस्थल बनने की आशंका है। पंजाब के भूजल से 73 प्रतिशत सिंचाई की जरूरतें पूरी होती हैं जिससे जमीनी पानी का स्तर काफी नीचे जा चुका है । इससे कृषि पर निर्भर लोगों की आजीविका का संकट पैदा हाेने का खतरा मंडरा रहा है।
ऐसी हालत में सर्वसम्मति से संकल्प किया जाता है कि भारत सरकार यह सुनिश्चित करे कि पंजाब के दरियायी पानी को तीन दरियाओं (रावी, सतलुज और ब्यास) के बेसिन से नॉन-बेसिन इलाकों में दुनिया भर में अपनाए गए रिपेरियन सिद्धांत के मुताबिक किसी भी सूरत में स्थानांतरित हो ।
सर्वदलीय बैठक में प्रस्ताव जल संसाधन मंत्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया ने पेश किया ताकि राज्य के बढ़ते जल संकट का हल ढूँढने के लिए रास्ता ढूंढा जा सके।
प्रस्ताव में सतलुज यमुना लिंक नहर का जिक्र नहीं किया गया लेकिन शिरोमणी अकाली दल और आम आदमी पार्टी सहित सभी दलों ने एकसुर में कहा कि नहर के निर्माण के लिये उठाया गया कोई भी कदम राज्य के लिए घातक सिद्ध होगा। सभी पार्टियों ने इस नाजुक मसले पर सर्वदलीय बैठक बुलाने के लिए मुख्यमंत्री के कदम की सराहना की।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने सभी दलों के नेताओं की ओर से सकारात्मक और रचनात्मक सुझाव पेश करने का स्वागत करते हुए कहा कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का यह मामला रखने के लिए उनकी सरकार प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगेगी। भारत में दरियायी पानी के विभाजन के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनाया गया रिपेरियन सिद्धांत को दरकिनार किया गया था।
उन्होंने इसमें सुधार की ज़रूरत पर बल देते हुये ऐलान किया कि राज्य से सम्बन्धित महत्वपूर्ण मसलों पर विचार करने के लिए हर छह महीने के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाई जायेगी।
बैठक में वाम दलों ,आप ,भाजपा ,शिअद ,एनसीपी,बसपा ,तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया ।
शर्मा
वार्ता
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