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सरकार का लक्ष्य किसानों की आय में वृद्धि करना, गुरूग्राम में बनेगी आर्गेनिक मार्किट

पंचकूला, 23 जनवरी(वार्ता) हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कहा है कि सरकार का प्रयास खेती की लागत कम करने के साथ-साथ प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर किसानों की आमदनी में वृद्धि करना है।
श्री दलाल ने आज यहां प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को डीजि़टल किसान बनाने के लिए चैटबॉट लॉंच करने के मौके पर अपने सम्बोधन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम जिले में किसानों के लिए ऑर्गेनिक मार्केट स्थापित की जाएगी ताकि इसके माध्यम से किसान अपने उत्पाद सीधे बेच सकें। चैटबॉट के बारे में उन्होंने बताया कि इसके माध्यम से किसान सरकार की अनेक योजनाओं की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे। यह चैटबॉट एक प्रकार का सॉफ्टवेयर है जो बोलने या शाब्दिक तरीके से वार्तालाप आयोजित करता है।
कृषि मंत्री ने इस अवसर पर कृषि की पाठशाला नामक तीन वैनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये वैन गांव-गांव जाकर किसानों को सरकारी योजनाओं की जानकारी देंगी और मृदा स्वास्थ्य की भी जांच कर किसानों को मृदा से सम्बंधित बारीकियों के बारे में अवगत कराएंगी। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को प्रदेश में सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने के निर्देश दिये और कहा कि इससे न केवल पानी की बचत होती है बल्कि उत्पादकता भी बढ़ती है। उन्होंने इसके अलावा फसलों के विविधिकरण तथा अधिक पानी वाली फसलों के स्थान पर कम पानी वाली फसलों की खेती को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया।
श्री दलाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न के दृष्टिगत किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए उन्हें प्राकृतिक और जैविक खेती को अपनाने के लिए भी जागरूक किया जाए। इसके लिए ऐसे किसान तैयार किए जाएं जो अपनी भूमि पर प्राकृतिक और जैविक खेती का प्रयोग करें और उससे मिलने वाले परिणामों को वे अन्य किसानों को बताएं और दूसरे किसान भी प्रेरित होकर प्राकृतिक और जैविक खेती को अपनाएं। इसी कड़ी में गुरुग्राम जिले में ऑर्गेनिक मार्केट भी स्थापित की जाएगी। इस मार्केट के माध्यम से किसान अपने उत्पादों को सीधे बेच सकेंगे जिससे उनकी आमदनी में बढ़ौतरी होगी।
उन्होंने अधिकारियों को रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों का अत्याधिक उपयोग रोकने के लिए बिना लाइसेंस रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक बेचने वाले डीलरों और कम्पनियों पर कार्रवाई करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ऐसे उर्वरक और कीटनाशकों के उपयोग के कारण खराब हुई फसलों के बारे में यदि कोई शिकायत किसानों से प्राप्त होती है तो डीलरों और कम्पनियों के साथ सम्बंधित अधिकारी पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी तथा किसान को खराब हुई फसल का मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने बिना लाइसेंस रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक बेचने वाले डीलरों और कम्पनियों पर अब तक की गई कार्रवाई की स्टेटस रिपोर्ट उन्हें देने को भी अधिकारियों को कहा।
बैठक में पराली के प्रबंधन पर भी चर्चा की गई, जिस पर कृषि मंत्री ने कहा कि पराली के उपभोक्ताओं को तैयार करना पहली प्राथमिकता है। एक बार ऐसे उपभोक्ता तैयार हो गए तो प्रदेश का किसान आने वाले समय में पराली को जलाएगा नहीं बल्कि उससे आमदनी कमाएगा। उन्होंने कहा कि हर गांव में कम से कम दो ऐसे प्रगतिशील किसानों को चिहिन्त किया जाए जिन्होंने फसलों का विविधिकरण, सूक्ष्म सिंचाई, प्राकृतिक खेती और जैविक खेती की तकनीक को अपनाकर कृषि में सुधार किया हो, ऐसे किसानों को जिला स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर सम्मानित किया जाना चाहिए, जिससे अन्य किसान भी प्रेरित होंगे।
रमेश2010वार्ता
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