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टिड्डी प्रकोप की आशंका के मद्देनजर जिले में हैल्प डेस्क स्थापित

हिसार, 28 जनवरी (वार्ता) हरियाणा के कृषि उप निदेशक डॉ. विनोद फोगाट ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों से पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर, बिकानेर, जैसलमेर आदि जिलों में टिड्डियों का फसलों पर प्रभाव देखने को मिला है। यह एक प्राकृतिक आपदा है, जिसका किसी व्यक्ति विशेष से कोई सरोकार नहीं है। इसके नियंत्रण के लिये कृषि विभाग तथा पूरा प्रशासन बचाव कार्य में जुटा है।
श्री फोगाट ने आज यहां बताया कि टिड्डी से संबंधित सूचना के लिए जिला स्तर पर हैल्प डेस्क नंबर 01662-225715 स्थापित किया गया है। पौध संरक्षण अधिकारी डॉ. अरूण कुमार यादव को जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इनके मोबाइल नंबर 92158-09009 पर किसान टिड्डी दल के बारे में सूचना दे सकते हैं। किसी भी किसान भाई या अन्य किसी व्यक्ति को टिड्डी नजर आती है तो उसकी सूचना संबधित कृषि विकास अधिकारी के हैल्प डेस्क नंबर पर देें ताकि समय रहते बचाव कदम उठाया जा सके।
उन्होेेंने कहा कि इसके लिए किसानों को कुछ सुझाव, उपाय एवं सावधानियां बरतनी होंगी। इसको सावधानी पूर्वक अपना कर प्राकृतिक आपदा से निपटने में अपना सहयोग दें। किसान भाई अपने क्षेत्र में टिड्डी के प्रति सचेत रहें। टिड्डी का प्रकोप अगर आपके क्षेत्र में आता है तो आप तुरंत इसकी सूचना टिड्डी नियत्रंण विभाग के नंबर पर दर्ज करवाएं। उन्होंने बताया कि कीटनाशक स्प्रे टिड्डी दल के ठहराव के समय ही करें तथा हवा की दिशा में ही स्प्रे करें। टिड्डी नियंत्रण विभाग द्वारा दवा का स्प्रे केवल पड़त, ओरण, गोचर एवं असिंचित क्षेत्रों पर ही किया जायेगा। क्योंकि छिड़काव उच्च स्तर का कीटनाशक है जो सिंचित क्षेत्र के लिए प्रतिबंधित है। सिंचित क्षेत्र के लिए किसान निर्धारित मात्रा में क्लोरेपायरिफॉस 20 प्रतिशत ईसी, क्लोरेपायरिफॉस 50 प्रतिशत ईसी, डेल्टामेथलिन 2.8 प्रतिशत ईसी तथा ले बडासायलोथिन 5 प्रतिशत ईसी किटनाशकों में से किसी भी एक को निर्धारित मात्रा में पानी के घोल के साथ टिड्डी प्रभावित क्षेत्र में स्प्रे करवाएं।
सं शर्मा
वार्ता
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