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अब पुलिस ने शिकायतकर्ता से मांगा संत पेरियार का जाति प्रमाणपत्र

हिसार, 29 जनवरी (वार्ता) योग गुरू बाबा रामदेव की दलित विचारक एवं संत रामास्वामी पेरियार के खिलाफ एक योग सभा में की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी प्रकरण में हांसी पुलिस ने दलित अधिकार कार्यकर्ता एवं शिकायतकर्ता रजत कलसन से संत का जाति प्रमाणपत्र मांगा है।
वहीं श्री कलसन ने पुलिस द्वारा संत पेरियार का जाति प्रमाणपत्र मांगे जाने को हास्यास्पद और दलितों का अपमान बताया है। श्री कलसन ने हांसी पुलिस को 20 नवम्बर को एक शिकायत दी थी जिसमें उन्होंने संत परियार के खिलाफ कथित तौर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिये बाबा रामदेव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की थी। अपनी शिकायत के साथ उन्होंने पुलिस को बाबा रामदेव की कथित टिप्पणी की वीडियो सीडी और अन्य दस्तावेज भी मुहैया कराये थे।
पुलिस ने उक्त शिकायत पर जिला अटार्नी कार्यालय भेजकर उस पर कानूनी राय मांगी थी। जिला अटार्नी ने पुलिस को जो राय भेजी है उसमें कहा गया है कि पुलिस इस मामले में शिकायतकर्ता से संत पेरियार का जाति प्रमाण पत्र मांगे। राय में यह भी कहा गया है कि बाबा रामदेव के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है। इस पर श्री कलसन ने आज कहा कि हांसी पुलिस से उन्हें आरटीआई के माध्यम से जिला अटार्नी का कानूनी राय का पत्र भी मिला है। उन्होंने कहा कि जिला अटार्नी का शिकायतकर्ता से संत पेरियार का जाति प्रमाण पत्र मांगना कानून की नजर में बेहद हास्यास्पद और दलित समाज के लिए अपमानजनक भी है। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव टिप्पणी से दलित समाज की भावनाएं आहत हुई हैं तथा पुलिस उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने से बच रही है क्योंकि, रामदेव केंद्र और हरियाणा में सत्तासीन राजनीतिक दल के समर्थक हैं।
शिकायतकर्ता ने दावा किया कि बाबा रामदेव की टिप्पणी पहली नजर में अपराधिक है तथा उसके आधार पर रामदेव के खिलाफ स्पष्ट मुकदमा बनता है। उन्होंने कहा कि यदि हांसी पुलिस मुकदमा दर्ज नहीं करती है तो वह बाबा रामदेव के खिलाफ अंतिम स्तर तक कार्रवाई कराने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और यहां तक कि उन्हें बचाने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करेंगे।
सं.रमेश1830वार्ता
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