सिरसा,25 मार्च(वार्ता) कोरोना वायरस 'कोविड-19‘ को समाप्त करने को लेकर हरियाणा में हुये 'जन कर्फ्यू‘ और 'लॉक डाऊन‘ के बाद फैक्ट्रियों, वाहनों आदि के ठहर जाने से प्रदेश में आसमान में छाया प्रदूषण और धूल मिट्टी अब नीचे आ गई है।
राज्य में जो पीएम 10 यानि एयर क्वालिटी इंडेक्स वेल्यु 913.2 तक पहुंच गया था वह अब नीचे आ गया है जिससे वातावरण साफ हो गया है। स्वच्छ वातावरण में आम और बीमार पड़े लोग आसानी से सांस ले पा रहे हैं। राज्य में वाहनों के चलन, दीपावली के पटाखे और पराली के जलाने से पीएम 10 यानि एयर क्वालिटी इंडेक्स वेल्यु बेहद खतरनाक स्तर 913.2 पर पहुंच गया था जिसमें सांस लेना मुश्किल हो गया था। प्रदूषण के कारण लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ, दमा का अटैक जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। पीएम-10 का स्तर जो कि 100 तक होना चाहिए जो 913.2 तक पहुंच गया था।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक सुनील श्योराण ने बताया कि पंचकुला में सबसे कम पीएम 10 यानि एयर क्वालिटी इंडेक्स वेल्यु 53 है जबकि फरीदाबाद में 187 है। वहीं आज सिरसा में 67, अम्बाला 93, बहाुदरगढ़ 104, बल्लभगढ़ 58, भिवानी 99, धारूहेड़ा 142, फतेहाबाद 68, हिसार 87, जींद 84, कैथल 88, करनाल 97, कुरूक्षेत्र 82, मेवात 133, मानेसर 105, नारनौल 103, पलवल 115, सोनीपत 117, यमुनानगर 102, गुरूग्राम 127 और रोहतक में 123 एयर क्वालिटी इंडेक्स वेल्यु आंकी गई है। यह सब प्रदेश में लॉक डाऊन के चलते फैक्ट्रियों के बंद होने और यातायात के रूकने से सम्भव हुआ है। उन्होंने कहा कि गत पांच सालों में पहली बार ऐसा वातावरण देखने को मिला है।
श्री श्योराण ने बताया कि पार्टिकुलेट मेटर जो कि वायु में मौजूद छोटे कण होते हैं। इनके कारण की रोग बढ़ते हैं। उन्होंने बताया कि वातावरण के स्वच्छ होने से अब से पहले बीमार पड़े लोगों के स्वास्थ्य में भी तेजी से सुधार आएगा क्योंकि उनकों सांस लेने में आसानी हो रही है।
सं.रमेश1639वार्ता