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हरियाणा. कोरोना-खट्टर घोषणाएं दो अंतिम चंडीगढ़

श्री खट्टर ने बताया कि सभी प्रकार की रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएं लोगों के घर द्वार पर पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के माध्यम से व्यापक प्रबंध किए गए हैं। सरकार ने प्रशासन के साथ-साथ वालंटयिर्स के सहयोग के लिए पोर्टल पर पंजीकरण कराने की ऑनलाइन व्यवस्था की है। गत चार दिनों अर्थात 22 मार्च से 33,000 वालंटयिर्स ने अपना पंजीकरण कराया है जिनमें 546 सेवानिवृत डॉक्टर, 255 नर्स, 1100 पेरामेडिकल स्टाफ, 4700 होम डिलीवरी कर्मी, 5700-5700 सोशल डिस्टेसिंग और कम्यूनिटी कम्यूनिकेशन के बारे जानकारी देने वाले विशेषज्ञ तथा 6200 जिला मेजिस्ट्रेट को सहयोग देने वाले व्यक्ति शामिल हैं।
उन्होंने लोगों को इस बात से भी अवगत कराया कि कोरोना वायरस की जांच के लिए प्रदेश में पांच लैब की सुविधा उपलब्ध है तथा दो और टेस्टिंग लैब के प्रबंध किए जा रहे हैं। इसी प्रकार, व्यापक मात्रा में 2500 आइसोलेटिड बैड तथा लगभग 6500 क्वारंटाइन बैड उपलब्ध कराये गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे मेडिकल सेवा के अधिकारी और कर्मचारी जोखिम उठाकर लोगों के लिए कार्य कर रहे हैं। इनकी और इनके परिवार की चिंता करना भी सरकार का कर्तव्य बनता है। इन लोगों के प्रति हम कृतज्ञ हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने हरियाणा कोरोना राहत कोष का गठन किया है और इस कोष में अब तक 2000 से ज्यादा लोगों ने 5.84 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति इस कोष में ई-बैंकिंग या आरटीजीएस या क्यूआर कोड, यूपीआई, एनईएफटी के माध्यम से राशि जमा कर सकता है। इस सम्बंध में पंचकूला में भारतीय स्टेट बैंक में खाता संख्या 39234755902 खोला गया है तथा बैंक का आईएफएससी कोड-0001509 है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिहाड़ीदार, मजदूर और भवन निर्माण कार्यों से जुड़े श्रमिक और बीपीएल परिवारों को आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए प्रबंध किए हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत 12.56 लाख परिवारों ने पंजीकरण कराया। इनमें से 2.76 लाख परिवारों को 4,000 रुपये की एक मुश्त सहायता के तौर पर 84.46 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है। इसी प्रकार, भवन निर्माण बोर्ड से पंजीकृत 3.85 लाख श्रमिकों को 1,000 रुपये प्रति सप्ताह देने का निर्णय है। बीपीएल परिवारों को भी 1,000 रुपये प्रति सप्ताह दिए जाएंगे और जो परिवार बीपीएल सूची में नहीं हैं, उनके पंजीकरण की अलग से व्यवस्था की जाएगी।
श्री खट्टर के अनुसार लॉकडाउन के दौरान बिजली के बिल भरने पर कैश कांऊटर पर लगने वाली भीड़ से बचने के लिए बिजली निगमों ने 14 अप्रैल, 2020 तक कैश काऊंटर बंद करने का निर्णय लिया है। लोगों की सुविधा के लिए डिजिटल बिल की व्यवस्था की गई है। लोग चाहे आरटीजीएस या वीवीपीएपैट या एनईएफटी के माध्यम से भी बिजली बिलों का भुगतान कर सकते हैं। इसके लिए निगमों द्वारा उनके अगले बिल में दो प्रतिशत की छूट देने का निर्णय लिया है। 1,000 रुपये के बिल पर 20 रुपये तथा 5,000 रुपये तक के बिल पर 100 रुपये की छूट दी जाएगी।
उन्होंने प्रदेश के लोगों से अपील की कि वे कोविड-19 से जुड़ी किसी भी विभाग की समस्या या अपने सुझाव देने के लिए आगे आएं। इसके लिए हैल्प लाइन नम्बर- 1075 तथा 1100 जारी किए गए हैं।
रमेश1658वार्ता
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