चंडीगढ़, 27 मार्च (वार्ता) पंजाब में कोरोना वायरस का फैलाव रोकने के लिए परीक्षण (टेस्टिंग) की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है और पिछले दो दिनों में 233 संदिग्ध मरीजों की टेस्टिंग की गई जिनमें से सात को संक्रमित पाया गया।
पंजाब सरकार के आज देर शाम यहां जारी बयान के अनुसार प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित कुल लोगों की संख्या बढ़कर 38 हो गई है।
बयान के अनुसार इसीलिए एक ओर जहां प्रदेश में परीक्षण से लेकर आइसोलेशन इकाइयां स्थापित करनेे की प्रक्रिया को तेज किया गया है वहीं दूसरी तरफ कर्फ्यू के दौरान गरीबों और जरूरतमंदों को राहत पहुंचानेे के लिए सरपंचों को पंचायत निधि के इस्तेमाल के अधिकार दे दिये गये हैं।
सरपंचों को अगले दस दिनों तक पंचायत निधि से प्रति दिन पांच हजार रुपये खर्च करने के लिए अधिकृत किया गया है और उन्हें अपने गांवों में चिकित्सकीय आपात स्थितियों में ग्रामीणों को शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक उपचार, दवाइयों के लिए डॉक्टरों, अस्पताल जाने के लिए पास /पत्र जारी करने के अधिकार भी दिये गये हैं।
एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार यह कदम इस उद्देश्य से उठाये गये हैं कि लॉकडाऊन के दौरान लोगों को कम से कम असुविधा हो।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य में अब तक कुल 789 संदिग्ध मरीजों के नमूनों की जांच की गई है जिनमें 38 संक्रमित पाये गये हैं, 480 निगेटिव और 271 के नतीजों का इंतजार है।
इन 38 में से एक की मौत हो चुकी है और एक का उपचार किया जा चुका है, अन्य 36 का उपचार जारी है।
प्रवक्ता ने बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने 20 आइसोलेशन इकाइयों की शिनाख्त की है जिनमें 2708 लोगों का उपचार किया जा सकेगा।
इसीके साथ आज मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों और डॉक्टरों से वीडियो चैट की और पुलिस को लोगों से विनम्र और मानवीय व्यवहार करने की सलाह दी। कैप्टन ने डॉक्टरों के साथ पुलिसकर्मियों को भी अपनी ड्यूटी को अंजाम देते समय मास्क पहनने समेत सभी आवश्यक सावधानियां बरतने को भी कहा।
बाद में मुख्यमंत्री ने ट्वलीट कर कहा, “डॉक्टरों और पंजाब पुलिस जवानों से बात की। मैं उन सभी नायकों को सलाम करता हूं जो दिन रात लगे हुए हैं ताकि हम कोविड19 को हरा दें। हम सभी को नियमों का पालन करना चाहिए क्योंकि इस मुश्किल घड़ी में हम उनकी इसी तरह मदद कर सकते हैं।“
महेश विक्रम
वार्ता