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दो लाख भट्ठा मजदूरों की कोई नहीं ले रहा सुध : सीटू

दो लाख भट्ठा मजदूरों की कोई नहीं ले रहा सुध : सीटू

भिवानी, 30 मार्च (वार्ता) सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) ने आज आरोप लगाया कि कोरोना वायरस की महामारी और 24 मार्च से किये लॉकडाऊन में सरकार ने करीब दो लाख भट्ठा मजदूरों को राम भरोसे छोड़ दिया है।

सीटू सूत्रों ने बताया कि लाल झंडा भट्ठा मजदूर यूनियन, हरियाणा और सीटू ने 25 व 27 मार्च को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, श्रम आयुक्त, सभी जिला उपायुक्तों को पत्र भेजते हुए इन मजदूरों के लिए राशन, दवाईयों के साथ आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग की थी, जिस पर आज तक भी कोई कदम नहीं उठाया गया।

यूनियन के राज्य महासचिव विनोद कुमार व जिला प्रधान भीमसिंह, सीटू जिला सचिव अनिल कुमार ने

कहा कि हरियाणा के भटठों पर पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उतर प्रदेश, बिहार, बंगाल व झारखण्ड आदि राज्यों से परिवार सहित आकर काम करने वाले ये भट्ठा मजदूर इस संकट के दौर में भारी उपेक्षा का शिकार हैं। ये मजदूर शहरों से दूर खेतों में लगे भट्ठों पर बनी कच्ची झोपड़ियों में बच्चों समेत रहते है। 95 प्रतिशत से ज्यादा मजदूर प्रवासी हैं और इसी की कीमत इनको अदा करनी पड़ रही है।

यूनियन नेताओं ने मांग की कि इन मजदूरों को भट्ठा मालिक या यूनियन की तसदीक पर आर्थिक सहायता, निकटवर्ती राशन डिपो होल्डर के माध्यम से दो माह का नि:शुल्क राशन, जरूरी वस्तुएं तथा चिकित्सा मुहैया करवाई जाए और इसके साथ ही इन मजदूरों को आर्थिक सहायता दिलवाने हेतु पंजीकरण के लिए श्रम विभाग के किसी अधिकारी की स्थाई

जिम्मेदारी तय की जाय।

सं महेश विक्रम

वार्ता

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