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भारी विरोध के कारण निर्मल सिंह का नहीं हो सका अंतिम संस्कार

अमृतसर, 02 अप्रैल (वार्ता) कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के संक्रमण के कारण दिवंगत हुए श्री दरबार साहिब के पूर्व हजूरी रागी ज्ञानी निर्मल सिंह का ग्रामीणों द्वारा भारी विरोध के चलते आज अंतिम संस्कार नहीं हो सका।
अमृतसर के जिला प्रशासन ने ज्ञानी निर्मल सिंह का अंतिम संस्कार करने के लिए अमृतसर के वेरका स्थित श्मशान घाट पर तैयारी शुरू कर दी थी लेकिन ग्रामवासियों ने इसकी भनक लगते ही वहां इकट्ठा होकर विरोध करना शुरू कर दिया। वेरका में सभी जातियों के अलग-अलग लगभग छह श्मशान घाट हैं। इन सभी जाति के लोगों ने अपने-अपने घाट की सुरक्षा के लिए पहरा बिठा दिया है। लोगों का कहना है कि दाह संस्कार से उड़ने वाली राख गांवों में गिरेगी जिससे उन्हें भी कोरोना वायरस की चपेट में आने की आशंका है।
वेरका में भारी विरोध के चलते प्रशासन ने गांव फतेहगढ़ शुक्रचक्क के श्मशानघाट पर अंतिम संस्कार करना चाहा लेकिन वहां भी लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है। विरोध करने के लिए प्रत्येक श्मशान घाट पर 150 से 200 लोग बैठे हैं जिसके चलते लॉकडाउन दौरान की जारी सोशल डिस्टेंसिंग भी खत्म हो गई है। ऐसे में कोरोना वायरस के और फैलने की भी आशंका है।
वेरका के निवासियों ने अंतिम संस्कार के लिए प्रशासन को गांव से दूर एक खाली जगह देने का भी प्रस्ताव दिया है जिसे अभी तक प्रशासन ने माना नहीं है। ज्ञानी निर्मल सिंह का शव अभी तक सिविल अस्पताल में ही पड़ा है।
सं.ठाकुर.श्रवण
वार्ता
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