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हरियाणा से अब तक 75 हजार प्रवासी श्रमिक रवाना, 9700 आये

चंडीगढ़, 13 मई(वार्ता) देशव्यापी लॉकडाडन के चलते हरियाणा में फंसे अब तक लगभग 75000 प्रवासी श्रमिकों को 1200 से अधिक बसों और 16 रेलगाड़ियों के माध्यम से उनके राज्यों को भेजा गया है जबकि इस दौरान अन्य राज्यों से लगभग 9700 लोग हरियाणा में आए हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर बताया कि प्रदेश के उन्नति में प्रवासी श्रमिकों का उल्लेखनीय योगदान रहा है और इस नाते उनके दुख-दर्द को समझना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते हरियाणा में फंसे श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में भेजने और अन्य राज्यों में फंसे हरियाणा के लोगों को लाने का काम बड़े पैमाने पर जारी है। इसी कड़ी में मंगलवार शाम तक पांच रेलगाड़ियाें और अनेक बसों के माध्यम से लगभग 11000 से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य स्थानों के लिए रवाना किया गया।
मंगलवार को नारनौल रेलवे स्टेशन से 1628 श्रमिकों को लेकर पहली श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ी मध्यप्रदेश के छतरपुर के लिए रवाना हुई। इसी तरह, लगभग 1450 श्रमिकों को रोहतक से बिहार के कटिहार, 1417 प्रवासी श्रमिकों को फरीदाबाद से मध्यप्रदेश के दमोह जबकि 1440-1440 प्रवासी मजदूरों को रेवाड़ी से मध्यप्रदेश के सागर तथा दादरी और भिवानी से बिहार के किशनगंज भेजा गया। रोहतक और अन्य जिलों में फंसे 1459 प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों को रोहतक रेलवे स्टेशन से बिहार के कटिहार के लिए विशेष रेलगाड़ी से रवाना किया गया। इससे पूर्व भी रोहतक रेलवे स्टेशन से दो विशेष रेलगाड़ियों से प्रवासी मजदूरों को बिहार पहुंचाया जा चुका है।
प्रदेश के विभिन्न जिलों से बसों के माध्यम से रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों और उनके परिवारों को पहुंचाया गया। जिला जींद से 201, रोहतक से 42, गुरुग्राम से 63, सोनीपत से 49, हांसी से 235, हिसार से 108, फतेहाबाद से 179, यमुनानगर से 59, कुरुक्षेत्र से 180 एवं पानीपत से 345 श्रमिकों व बच्चों को रेलवे स्टेशन पर पहुंचाया गया, जहां से वे विशेष रेलगाड़ी से अपने गंतव्य स्थान के लिए रवाना हुए।

सभी श्रमिकों को रवानगी के समय पैकिंग में खाना उपलब्ध कराया गया। उन्हें पानी की बोतलें दी गई। इसके साथ उन्हें सैनिटाइजर और थ्री लेयर मास्क भी दिये गये। रेलवे स्टेशनों के प्रवेश द्वार पर सभी श्रमिकों की थर्मल स्कैनिंग भी की गई। इससे पूर्व सभी श्रमिकों की मेडिकल जांच भी की गई। मजदूरों ने अपने राज्यों के लिये रवाना होते हुये राज्य सरकार का इस तरह की व्यवस्था करने के लिये आभार व्यक्त किया।
दादरी से जो श्रमिक परिवार रवाना हुए उनमें बिहार के अरहरिया जिला के 393, कटिहार के 86, किशनगंज के सात, मधेपुरा के 195, पूर्णिया के 384, सहरसा के 335 और सुपोल जिला के 144 निवासी शामिल हैं। इसके अलावा, दादरी एससीआर स्कूल से रात को तीस श्रमिक जम्मू के लिए हरियाणा रोडवेज की बस में भेजे गए हैं। सुबह पांच बजे दादरी एसएसीआर स्कूल से 40 बसों में बिहार के विभिन्न जिलों के रहने वाले श्रमिक एवं उनके परिजन भिवानी रेलवे स्टेशन के लिए रवाना हुए। परिवहन विभाग इन बसों को सेनेटाइज करा कर स्कूल परिसर में भिजवाया। मजदूरों को सुबह नाश्ता करवाकर और लंच पैक करके रवाना किया गया।

उधर रेवाड़ी जंक्शन से मंगलवार लगातार छठे दिन शाम साढ़े सात बजे श्रमिक स्पेशल ट्रेन मध्यप्रदेश के खेतीहर प्रवासी श्रमिकों को लेकर सागर के लिए रवाना हुई। राज्य सरकार द्वारा निशुल्क यात्रा की व्यवस्था पर खुशी जाहिर करते हुए श्रमिक बोले कि वे बाजरा व कपास की कटाई के समय फिर आएंगे। हरियाणा अच्छा लगा और यहां की सरकार ने कठिन समय में हमें हमारे घर भेजने की व्यवस्था की। रेवाड़ी में रह रहे खेतीहर प्रवासी मजदूरों को शैल्टर होम से रोडवेज की बसों के माध्यम से रेलवे स्टेशन तक लाया गया। रेलवे प्लेटफार्म, ट्रेन और प्रत्येक प्रवासी श्रमिक के हाथों को सैनिटाइज किया गया तथा उनके लिए भोजन और पीने के पानी की व्यवस्था भी की गई।
रमेश1440वार्ता
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