Wednesday, Apr 24 2024 | Time 06:55 Hrs(IST)
image
राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचल


अंतरराष्ट्रीय कुख्यात मादक तस्कर रणजीत के राजस्थान के गैंगस्टर से जुड़े थे तार

सिरसा 14 मई(वार्ता) पंजाब की अटारी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जून 2019 में 532 किलोग्राम हेरोइन तस्करी के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) द्वारा गत नौ मई को हरियाणा में सिरसा के बेगू गांव से दबोचे गए कुख्यात मादक पदार्थ तस्कर रणजीत उर्फ चीता के राजस्थान के गैंगस्टर से भी हाथ मिले हुए थे।
केंद्र और राज्य सरकार की गुप्तचर एजेंसियों के साथ स्थानीय पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर रणजीत करीब सात माह तक सिरसा में रहकर अपनी गतिविधियों को अंजाम देता रहा। रणजीत जून 2019 में अटारी सीमा पर पकड़ी गई 532 किलोग्राम हेरोइन के बाद एनआईए और पंजाब पुलिस के रडार पर आ गया था। वह हेरोइन की बड़ी खेप को भारत में बेच कर खपाना चाहता था। पुलिस ने हेरोइन तो जब्त कर ली लेकिन रणजीत एनआईए और पंजाब पुलिस को चकमा देकर हरियाणा के सिरसा में आ छिपा। भगोड़े रणजीत को तभी से एनआईए और पंजाब पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।
सूत्रों ने बताया कि सिरसा में जहां रणजीत ने शरण ली हुई थी वहां राजस्थान के आनंदपाल गिरोह और मीठी गिरोह के सदस्यों का आना जाना था। बताते हैं कि माह भर पहले आनंदपाल परिवार का एक सदस्य रणजीत के पास आकर ठहरा था। रणजीत बेगू गांव में गोरा नाम से रह रहा था। जब उसकी कलई खुली तो गांववासी भी दंग रह गए। भौगोलिक लिहाज से सिरसा से हरियाणा पंजाब और राजस्थान में आवागमन आसान है। इसी के चलते रणजीत को अपने लिए सुरक्षित जगह मान कर यहां कृषि भूमि खरीदना चाह रहा था और इस सिलसिले में प्रॉपर्टी डीलरों के भी सम्पर्क में था।
इस बीच इंडियन नेशनल लोकदल(इनेलो) नेता और ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कुख्यात मादक तस्कर रणजीत के सिरसा में सात माह तक शरण लेने पर राज्य सरकार की खुफिया एजेंसियों एवं पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से इसकी जांच करने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि सिरसा के पुलिस अधिकारी अपनी नाकामी छिपाने के लिए इस ऑपरेशन को लेकर गुमराह कर रहे हैं।
सं.रमेश1605वार्ता
image