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सिरसा जिला उपायुक्त ने दो पशु गोद लेकर छेड़ी बेसहारा पशु बचाने की मुहिम

सिरसा, 18 मई(वार्ता) हरियाणा के सिरसा जिला उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान ने दो पशुओं को गोद लेकर बेसहारा पशुओं को बचाने की अनूठी मुहिम शुरू करते हुये नागरिकों और विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों से भी ऐसे पशुओं को गोद लेने की अपील की है।
श्री बिढ़ान ने कहा कि गौवंश को बचाने और जिले को आवारा पशुमुक्त बनाने के लिए नागरिक पशुओं को गोद लेने के लिए आगे आएं और दूसरों को भी इस पुण्य कार्य के लिए प्रेरित करें। पशुओं को गोद लेने की यह मुहिम गौ वंश को बचाने तथा जिले को आवारा पशु मुक्त बनाने में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि शहर में बढ़ते आवारा पशु और नंदी आज चिंता का विषय है जिससे सड़कों पर हादसे होने का अंदेशा रहता है। गौवंश को बचाने के साथ-साथ जिले को आवारा पशुओं से मुक्त बनाना भी बेहद जरूरी है। इसलिए नागरिक गौवंश को बचाने की पहल में आगे आएं और दान के साथ-साथ पशुओं को गोद लेकर सहयोग करें।

उन्होंने स्वयं भी दो गौवंश गोद लेकर इस मुहिम की शुरूआत की। इसके बाद उपमंडलाधीश जयवीर यादव, प्रदेश व्यापार मंडल के जिला प्रधान हीरा लाल शर्मा, हॉल सेल शू मर्चेंट एसोसिएशन के प्रधान रोशन लाल, किरयाणा एसोसिएशन के सदस्य वेद भूषण गर्ग, परमानंद और राजन जैन ने एक-एक पशु गोद लिया। इसके लिए उन्होंने सोमवार को उपायुक्त को उनके निवास स्थान पर छह-छह हजार रुपये के चैक सौंपे। इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि पशु गोद लेना पुण्य का कार्य है। आप लोगों का कार्य दूसरों को भी पशुगोद लेने के लिए प्रेरित करेगा और जिससे इस मुहिम को और अधिक बल मिलेगा। उन्होंने बताया कि कोई भी नागरिक एक पशु के चारे और देखभाल के लिए छह हजार रुपये प्रतिवर्ष देकर गोद ले सकता है। दान दी गई राशि में आयकर की धारा 80-जी के तहत छूट भी दी जा रही है। उन्होंने आमजन से अपील की कि वे सड़कों पर चारा न डालें, नागरिक गौ रक्षा सेवा समिति की गाड़ी में ही पशुओं के लिए चारा डालें ताकि चारे का सदुपयोग हो सके।
उल्लेखनीय है कि सिरसा शहर में बड़ी संख्या में बेसहारा गौवंश सड़कों पर घूम रहा है। इनके कारण इनके दुर्घटनाएं भी होती हैं जिससे नागरिकों, वाहनों और स्वयं इन पशुओं को भी नुकसान होता है। राज्य में इस समय कुल 425 गौशालाएं पंजीकृत हैं जिनमें से अकेले सिरसा जिले में समूचे प्रदेश में सर्वाधिक 125 गौशालाएं पंजीकृत है। पंजीकृत गौशालाओं को राज्य सरकार से हर वर्ष लाखों रूपयों का अनुदान भी मिलता है। इन गौशालाओं का टैग लगा गौवंश अक्सर सड़काें और बाजारों में देखा जा सकता है जो इनके प्रबंधन पर सवाल खड़ा करता है। इस संदर्भ में जब गौ आयोग के अध्यक्ष भानीराम मंगला से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो सके।
सं.रमेश 1403वार्ता
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