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मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के लिए जिले के 50 गांवों का चयन

जालंधर, 21 मई (वार्ता) पंजाब के जालंधर जिले में बड़ी संख्या में किसानों द्वारा खेतों की मिट्टी का परीक्षण करने में गहरी दिलचस्पी को देखते हुए कृषि और किसान कल्याण विभाग ने इस साल मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत जिले के 50 गांवों का चयन किया है।
जिला उपायुक्त वरिंदर कुमार शर्मा ने गुरुवार को बताया कि विभाग ने जालंधर पश्चिम, जालंधर पूर्व, नकोदर, भोगपुर, नूरमहल, शाहकोट, लोहियान, रूर्का कलां, फिल्लौर और जालंधर के आदमपुर में प्रत्येक ब्लॉक में पांच गांवों को चुना है। उन्होंने कहा कि मई के पहले सप्ताह में और अब तक खेतों की मिट्टी के 1532 नमूने लिए गए हैं, और स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जाएंगे। जिसके माध्यम से किसान अपनी जमीन की जरूरतों का आकलन कर विवेकपूर्ण तरीके से उर्वरकों का उपयोग कर सकते हैं।
श्री शर्मा ने कहा कि इस योजना के तहत, विशेषज्ञ मिट्टी में नमक, एसिड सामग्री, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश, जस्ता, लोहा, सल्फर सहित विभिन्न मिट्टी के मापदंडों का विश्लेषण कर रहे हैं और रिपोर्ट के अनुसार किसानों को मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी से निपटने के लिए विशेष सिफारिश भेजी जा रही है। उन्होंने बताया कि विभाग की वेबसाइट पर गाँव, किसान और जिले के नामों की जानकारी अपलोड की जा रही है। राज्य में लगभग 60 मृदा विश्लेषण प्रयोगशालाएं हैं जिनमें से तीन जालंधर में हैं। उन्होंने बताया कि जिले में कृषि के तहत 2.36710 लाख हेक्टेयर क्षेत्र हैं। पिछले साल, जालंधर के प्रत्येक गाँव में विभाग द्वारा लगभग 2190 मृदा उर्वरता नक्शे स्थापित किए गए थे।
मुख्य कृषि अधिकारी डॉ सुरिंदर सिंह ने कहा कि पहले, किसानों को मिट्टी की आवश्यकता के बारे में बिना किसी ज्ञान के अवैध रूप से उर्वरकों को लागू करने और कुछ पैसे खर्च करने की आवश्यकता थी। उन्होने बताया कि उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से न केवल किसानों की जेब खाली हो रही है, बल्कि इससे मिट्टी की सेहत पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, इसलिए उत्पाद पर भी भारी असर पड़ रहा है।
श्री सिंह ने दावा किया कि विभाग किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड के बारे में लगातार जागरुकता पैदा कर रहा है ताकि वे उर्वरकों पर अपने खर्च को कम कर सकें। उन्होंने कहा कि विभाग उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से बचने के लिए किसानों को प्रेरित कर रहा है जो पर्यावरण के लिए हानिकारक है। मिट्टी में पोषक तत्वों को बढ़ाने के लिए प्राकृतिक तरीका अपनाने के लिए कहा जा रहा है।
ठाकुर.श्रवण
वार्ता
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