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अमरिंदर ने भारत के पूर्व हॉकी कप्तान बलबीर सिंह सीनियर के निधन पर जताया दुख

चंडीगढ़, 25 मई (वार्ता) पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने देश के पूर्व हॉकी कप्तान तथा तीन बार स्वर्ण पदक दिलाने वाले महान खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर के निधन पर दुख प्रकट किया है ।
महान खिलाड़ी (97)ने आज सुबह मोहाली के निजी अस्पताल में आखिरी साँस ली। उनके परिवार में तीन पुत्र और एक बेटी है। उन्हें तबीयत खराब होने पर गत 8 मई को अस्पताल में भर्ती कराया था । इससे पहले वो पीजीआई में भर्ती रहे । फोर्टिस अस्पताल में उन्हें पिछले सप्ताह तीन बार दिल का दौरा पड़ा तथा उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था । हाकी के मैदान पर अपना जलवा दिखाने वाला जांबाज खिलाड़ी मौत के सामने हार गया और उन्होंने सुबह अंतिम सांस ली ।
अपने शोक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि हाकी को बुलंदियों तक पहुंचाने वाले महान खिलाड़ी का योगदान सदैव याद रहेगा । उन्होंने कहा कि भारतीय खेल जगत उनकी इस देन को भुला नहीं सकता। वह भारतीय हॉकी के सबसे बड़े खिलाड़ी और प्रशिक्षक के तौर पर जाने जाते हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ओलम्पिक्स तक देश का नाम रोशन किया। वह बतौर खिलाड़ी तीन बार ओलम्पिक खेल में स्वर्ण पदक जीते और बतौर प्रशिक्षक भारत को 1975 में विश्व कप जिताया ।
उन्होंने कहा कि इस महान खिलाड़ी के चले जाने से भारतीय खेल ख़ासकर हॉकी को भारी क्षति हुई है। उन्होंने शोकाकुल परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना जताते हुये दिवंगत आत्मा की शांति के लिये कामना की ।
बलबीर सिंह सीनियर ने 1948 में लंदन, 1952 में हैलसिंकी और 1956 में मेलबर्न में ओलम्पिक खेल में स्वर्ण पदक जीते थे। 1952 के ओलम्पिक खेल के फ़ाईनल में बलबीर सिंह के पाँच गोल करने का विश्व रिकॉर्ड अभी तक नहीं टूटा। 1956 में वह भारतीय हॉकी टीम के कप्तान और भारतीय खेल दल के झंडाबरदार थे। 1975 में उन्होंने अपनी कोचिंग के जरिये भारत को विश्व कप जिताया था। भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री और पंजाब सरकार ने महाराजा रणजीत सिंह अवॉर्ड से सम्मानित किया। अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी ने उनको ओलम्पिक आईकोनिक खिलाड़ी के तौर पर सम्मानित किया। यह सम्मान हासिल करने वाले वह अकेले एशियन पुरुष खिलाड़ी थे।
शर्मा
वार्ता
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