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कोरोना के समय सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारियां अमानवीय : माकपा

गुड़गांव, 25 मई (वार्ता) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की हरियाणा इकाई ने दिल्ली पुलिस की तरफ से दो छात्राओं की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए उन्हें तुरंत रिहा करने की मांग की और कहा कि कोरोनावायरस महामारी के समय पुलिस का सीएए-एनआरसी-एनपीआर विरोधी प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारियां अमानवीय हैं।
माकपा प्रदेश सचिव सुरेंद्र सिंह ने आज यहां जारी बयान में आरोप लगाया कि ऐसा लगता है केंद्रीय गृह मंत्रालय बेहद संवेदनहीन और अपराधिक मनोवृति से संचालित हो रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब पूरा देश कोरोना महामारी के प्रकोप से जूझ रहा है, केंद्र सरकार से यह अपेक्षा की जाती है कि वह अपनी पूरी ऊर्जा महामारी से लड़ने में लगाए। जब न्यायालय के निर्देश पर जेलों में भीड़ कम करने के इरादे से सजायाफ्ता कैदियों को छोड़ा जा रहा है, उसी समय नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के खिलाफ प्रदर्शनों में शामिल युवा सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेलों में ठूंसना बेहद अमानवीय है।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की मंशा कोरोना के बहाने देश में तमाम जनतांत्रिक एवं मानवीय अधिकारों और संवैधानिक मूल्य-मान्यताओं को रौंदकर तानाशाही थोपने का है। हाल ही में गिरफ्तार की गई जेएनयू की पीएचडी की दो छात्राओं नताशा नरवाल व देवांगना कलिता में से एक हरियाणा से हैं। उनका कसूर यह बताया जा रहा है कि उन्होंने सीएए-एनआरसी के विरोध में हुए प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था जोकि कोई अपराध नहीं है, बल्कि यह हर एक व्यक्ति का बुनियादी सवैंधानिक अधिकार है।
श्री सिंह ने आरोप लगाया कि यह सरासर प्रतिशोध एवं दमनात्मक कार्यवाही है जबकि दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने में शामिल रहे कई भाजपा नेताओं के खिलाफ किसी तरह की भी कार्यवाही नहीं की गई है।
माकपा नेता ने कहा कि इस तरह की पूर्वाग्रहपूर्ण व असंवैधानिक कार्यवाही को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। श्री सिंह ने कहा कि पार्टी तमाम जनतंत्रप्रेमी नागरिकों, संगठनों, राजनीतिक दलों से अपील करती है कि वह इस तरह की अन्यायी एवं तानाशाहीपूर्ण कार्यवाहियों का कड़ा प्रतिरोध करें।
सं महेश विजय
वार्ता
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