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“मेरा पानी मेरी विरासत“ योजना के विरोध में सड़कों पर उतरे किसान

सिरसा, 25 मई (वार्ता) धान की फसल न लगाने देने के हरियाणा सरकार के फैसले के खिलाफ सिरसा संसदीय क्षेत्र के रतिया हल्के के किसानों ने आज किसान संघर्ष समिति के नेतृत्व में ट्रैक्टर पर सवार होकर फतेहाबाद के लघु सचिवालय पर विरोध प्रदर्शन किया व जिला उपायुक्त नर हरी सिंह बांगड़ को ज्ञापन सौंपा।
इस अवसर पर कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्य संसदीय सचिव प्रहलाद सिंह गिलांखेड़ा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि वह इस प्रदर्शन में बतौर किसान शामिल हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश की मौजूदा सरकार किसान कमेरे वर्ग को काले नियम व कानून बनाकर प्रताड़ित करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि रतिया क्षेत्र में गेहूँ व धान के अलावा कोई अन्य फसल विशेष तौर पर उपज ही नहीं सकती। उन्होंने आरोप लगाया कि इसी भारतीय जनता पार्टी-जननायक जनता पार्टी सरकार ने पराली न जलाने पर 1000 रुपये, मक्का की फसल पर 2000 रुपये, गेहूं के ऊपर मई व जून का अलग अलग बोनस देने की बात कही थी पर एक भी वायदा पूरा नहीं किया और अब धान न बोने पर 7000 रुपये देने की नई स्कीम ले कर आ गई ।
श्री गिलांखेड़ा ने सरकार से इस ‘काले‘ कानून को तुरंत प्रभाव से निरस्त करने की मांग की।
सं महेश विजय
वार्ता
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