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केंद्र सरकार पर किसानों के खिलाफ साजिश रचने का आरोप

चंडीगढ़ ,08 जून (वार्ता) पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा है कि केंद्र सरकार खेती जिनसों की नई खरीद प्रणाली को खेती सुधारों के तौर पर प्रचारित कर रही है, जबकि असल में यह किसानों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों व साहूकारों के रहमों करम पर छोड़ देने की एक साजिश है ।
उन्होंने आज यहां कहा कि मोदी सरकार द्वारा घोषित कथित कृषि सुधार पंजाब के खेती अर्थचारे को पूरी तरह तबाह कर देंगे । हमेशा किसान हितों की बात करने वाले अकाली नेताओं की ओर से इनका समर्थन करना उनके दोहरे चरित्र को उजागर करता है । निजी मंडियों में फसल की क्रय विक्रय संबंधी फैसले से न केवल किसानों की आर्थिक लूट होगी बल्कि इससे केंद्र सरकार एमएसपी बंद करने के एजेंडे को लागू करने के लिए आगे बढ़ रही है। यह फैसला देश के संघीय ढांचे के भी विपरीत है क्योंकि इससे ग्रामीण विकास के लिए राज्यों को मिलते टैक्स बंद हो जाएंगे, जिससे ग्रामीण भारत का विकास बुरी तरह प्रभावित होगा।
श्री जाखड़ ने कहा कि भाजपा नीत राजग की 2003 -04की सरकार में अकाली दल सरकार में सहयोगी दल था और पंजाब के पड़ोसी राज्यों को आर्थिक रियायतें देकर प्रदेश के उद्योग को तबाह कर दिया था। अब एक बार फिर मोदी सरकार इतिहास दोहरा रही है व अनाज पैदा करने वाले राज्य के खेती सेक्टर को तबाह कर देने का फैसला इस सरकार ने किया है। ऐसा फैसला उसी कैबिनेट ने किया है जिसमें किसान हितैषी पार्टी होने का दावा करने वाले अकाली दल के नेता हरसिमरत कौर बादल मंत्री के तौर पर शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि कथित कृषि सुधारों द्वारा मोदी सरकार ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली की समाप्ति के लिए पहला कदम उठा लिया है। इस मुद्दे पर केंद्रीय खेती मंत्री तथा पंजाब के अकाली दल के नेता राज्य के किसानों को गुमराह कर रहे हैं । बेशक एमएसपी तुरंत खत्म न हो पर केंद्र ने चरणबद्ध तरीके से ऐसा करने का अपना एजेंडा लागू करना शुरू कर दिया है ।
उन्होंने कहा कि अब किसान की सारी उपज एमएसपी पर सरकार द्वारा खरीद की जाती है लेकिन इस नीति से केन्द्र सरकारी खरीद से पीछे हट जाएगी। भाजपा ने हरियाणा में ऐसा तजुर्बा करने की कोशिश भी की थी पर विधानसभा चुनाव आने के कारण वह एक बार पीछे हट गए थे। इस तहत हरियाणा के फसल बेचने से पहले किसानों के लिए पंजीकरण करवाना अनिवार्य किया गया था और फिर सरकार की मर्जी पर था के सरकार कितनी फसल खरीदेगी ।
श्री जाखड़ ने कहा कि मोदी सरकार ने यह फैसला शांता कुमार कमेटी की सिफारिशों पर किया है। उन्होंने कहा कि इसी लिए केंद्र सरकार ने भोजन सुरक्षा के लिए भारतीय खुराक निगम को वार्षिक 2. 50 लाख करोड की अलॉटमेंट के मुकाबले इस वर्ष केवल 1.15 लाख करोड की अलॉटमेंट ही बजट में की है ।
शर्मा
वार्ता
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