Friday, Mar 29 2024 | Time 10:43 Hrs(IST)
image
राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचल


बिन सोचे-समझे लॉकडाऊन से लोगों की दुर्गति हुई : वाम दल

गुड़गांव, 09 जून (वार्ता) कोरोना वायरस महामारी के दौरान देश की जनता को उसके हाल पर छोड़ दिये जाने का आरोप लगाते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) कार्यकर्ताओं ने आज यहां प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारी नेताओं ने बाद में उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया।
नेताओं ने आरोप लगाया कि कोरोना महामारी के समय में नरेंद्र मोदी सरकार ने देश की व्यापक जनता को बर्बादी की हालत में छोड़ दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना किसी पूर्वतैयारी व योजना के अचानक सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर थोपे गये लाॅकडाउन ने जनता के बड़े हिस्से को अमानवीय दुर्गति का शिकार बनाया है। उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिकों व भारतीयों की दुर्दशा असहनीय है जो लगातार यातना और पीड़ा झेल रहे हैं और भूख-प्यास, थकावट और दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा रहे हैं। नेताओं ने कहा कि लाॅकडाउन ने महामारी से निपटने के लिए न तो हमारी क्षमता को मजबूत किया और ना ही इसने लोगों को कोई राहत पहुँचाई। किसान, मजदूर, छोटे दुकानदार, छोटे कारोबारी एवं छोटे उद्योग तबाही के कगार पर पहुंच गये। युवाओं को अभूतपूर्व बेरोजगारी की मार झेलनी पड़ रही है। ऊपर से महामारी की स्थिति में मोदी सरकार देश में तानाशाही थोपने की कोशिश कर रही है।
ज्ञापन में की गई मांगों में आयकर ना भरने की श्रेणी में आने वाले सभी परिवारों को छह महीने की अवधि के लिए 7500 रुपये प्रति माह का नकद हस्तांतरण करने, सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सार्वभौमिक बनाते हुए प्रवासियों समेत सभी को छह महीने के लिए प्रति महीना प्रति व्यक्ति 10 किलो खाद्यान्न मुफ्त वितरित किये जाने, फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों को उनके मूल स्थानों तक पहुँचाने के लिए तुरंत नि:शुल्क परिवहन व्यवस्था करने, मनरेगा के तहत न्यूनतम 200 दिन रोजगार बढ़ी हुई मजदूरी के साथ सुनिश्चित करने व शहरी गरीबों के लिए भी रोजगार गारंटी कानून का विस्तार किये जाने के साथ पेट्रोल, डीजल, घरेलू गैस पर करों और टोल दरों की बढ़ोतरी वापस लिये जाने की मांगें शामिल हैं।
इसके अलावा सीएए, एनआरसी, एनपीआर के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को, जिन्हें गिरफ्तार किया गया है, को रिहा करने की भी मांग की गई।
सं महेश विजय
वार्ता
image