राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Jun 12 2020 4:50PM आशाकर्मियों ने किया स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रदर्शनगुड़गांव, 12 जून (वार्ता) निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट, जोखिम भत्ते समेत अन्य मांगों को लेकर आशाकर्मियों ने आज प्रारंभिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) के बाहर प्रदर्शन किया। सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स के तत्वधान में आशा वर्कर्स यूनियन, हरियाणा की राज्य कमेटी के आह्वान पर गुड़गांव में भी प्रदर्शन किया गया और बाद में जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी व उपायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। आशाकर्मियों की मांगों और मुद्दों को सामने रखते हुए गुड़गांव जिला प्रधान मीरा ने बताया कि कोरोना महामारी के समय आशाकर्मी ‘फ्रंटलाइन वारियर्स‘ की भूमिका में हैं और लोगों के हमलों के साथ विभाग से भी दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है इसके बावजूद सरकार उनकी समस्याओं की तरफ ध्यान नहीं दे रही। उन्होंने कहा कि उनकी मांगों में आशाकर्मियों का महीने में एक बार कोविड-19 टेस्ट कराना, जो संक्रमण का शिकार हो रही हैं (गुड़गांव में नौ आशाकर्मी संक्रमित हो चुकी हैं) को स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ आइसोलेशन कैंप या अलग से आइसोलेशन कैंप में रखना, संक्रमित आशाकर्मियों व उनके परिवार का खर्च सरकार की तरफ से वहन करना, संक्रमित आशाकर्मियों को मुआवजा दिया जाना, आशाकर्मियों को गुणवत्ता वाले पीपीई किट मुहैया कराना, चार हजार रुपये का जोखिम भत्ता देना और आशाओं के चुनिंदा कार्यों पर राज्य सरकार से मिलने वाली 50% इनसेंटिव को दोबारा लागू करना आदि शामिल है।सं महेश विजयवार्ता